निक्षेपागार प्रणाली इस प्रणाली में जहां लिखित दस्तावेज रहित शेयर व्यापार और जी वविभएकीकृत( डिमॉनेटाइज्डम) प्रकार के प्रतिभूतियों की के निपटान को आधुनिक तकनीकी द्वारा सक्षम बनाया जाता है । इस नए सिस्टम में कागजी काम का समापन, निपटाने का समय तथा तरलता में बढ़ोतरी पाई जाती है। निक्षेपागार प्रणाली की रचना 1 निक्षेपागार सहभागी 2 लाभकारी निवेशक 3 जारीकर्ता 4 निक्षेपागार 1 निक्षेपागार सहभागी यह निक्षेपागार का एजेंट होता है अगर कोई विनियोजन निक्षेपागार की सेवा लेना चाहता है तो उसे डीपी के यहां अपना अकाउंट खोलना पड़ता है . निक्षेप से संबंधित सभी कार्य निक्षेपागार सहभागी द्वारा उसी अकाउंट के द्वारा किया जाता है .इस प्रकार निक्षेपागार सहभागी, निवेशक के बीच कड़ी का काम करता है. निक्षेपागार सहभागी द्वारा इसके लिए एक डीमैट अकाउंट खोला जाता है. डिमैट अकाउंट खोलते समय निक्षेपागारसहभागी और निवेशक के बीच एक ठहराव होता है ननिक्षेपागार सहभागी बैंक, वित्तीय संस्था, दलाल या अन्य गैर बैंकिंग वित्तीय संस्था हो सकते हैं. डीप...
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