दोस्तों पिछले ब्लॉग में हमने उद्यमिता और उद्यमी के बारे में देखा अब उद्यमीय पर्यावरण के बारे में बात करेंगे जिसके अंतर्गत एक उद्योग स्थापित होता है । किसी भी उद्योग को स्थापित करने के लिए प्रवर्तक के द्वारा यानी वह व्यक्ति जो उद्योग की सोच से लेकर उसको कार्यान्वित करने की स्थिति तक के लिए जिम्मेदार होता है यह काफी महत्वपूर्ण होता है कि उद्योग स्थापित करने के अनुकूल पर्यावरण है या नहीं । इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए हम लोग आगे उद्यमीय पर्यावरण की चर्चा करेंगे चलिए देखते हैं उद्यमीय पर्यावरण के बारे में यह है क्या..
उद्यमीय पर्यावरण की परिभाषा
उद्यमीय पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है उद्यमीय और पर्यावरण.
उद्यमी का अर्थ है उद्यम से संबंधित जबकि पर्यावरण से तात्पर्य है मनुष्य जिस देश काल या परिस्थिति में जन्म लेता है और जीवन यापन करता है.
रॉबिंस के अनुसार," पर्यावरण उन संस्थाओं या शक्तियों से बना होता है जो किसी संगठन के कार्य निष्पादन को प्रभावित करती हैं किंतु उस संगठन का उस पर बहुत कम नियंत्रण होता है".
जोक एवं गुलिक के अनुसार ,"पर्यावरण में फर्म के बाहर के भी घटक सम्मिलित होते हैं जो फर्म के लिए अवसर एवं धमकियां पैदा करते हैं जिनमें सामाजिक आर्थिक तकनीकी एवं राजनीतिक दशाएं प्रमुख हैं ।
पर्यावरण के प्रकार
पर्यावरण के दो प्रकार हैं
1 आंतरिक पर्यावरण -जिसमें एक फॉर्म के अंतर्गत उपयुक्त सभी प्रकार के उत्पादन के साधन यथा भूमि यंत्र भवन पूंजी श्रम इत्यादि आते हैं जिस पर फर्म का नियंत्रण होता है
2 बाहरी पर्यावरण- इसमें आर्थिक सामाजिक वातावरण तकनीकी आपूर्तिकर्ता ग्राहक बाजार आदि आते हैं.
इस प्रकार पर्यावरण किसी संस्था के बाहर की वे शक्तियां दशाएं एवं घटक हैं जो संस्था की कुशलता एवं सफलता को प्रभावित करते हैं और उन पर संस्था का कोई नियंत्रण नहीं होता है.
बाहरी पर्यावरण विश्लेषण
बाहरी पर्यावरण विश्लेषण एक विश्लेषण तकनीकी है जिसके अंतर्गत व्यवसायिक संगठन को प्रभावित करने वाले बाहरी घटकों का विश्लेषण किया जाता है ।इन घटकों पर उद्यमी का नियंत्रण नहीं होता है।
बाहरी पर्यावरण विश्लेषण के घटक
1 आर्थिक घटक
इसके अंतर्गत निम्न घटक सम्मिलित होते हैं
क आर्थिक विकास
ख आर्थिक नीतियां
ग आर्थिक प्रणाली
क आर्थिक विकास- आर्थिक विकास के अंतर्गत देश में आए विनियोग और व्यवसाय की संभावनाओं का विश्लेषण किया जाता है।
ख आर्थिक नीतियां- आर्थिक नीतियों के अंतर्गत औद्योगिक नीति राजकोषीय नीति मौद्रिक नीति व्यापारिक नीति का विश्लेषण किया जाता है।
ग आर्थिक प्रणाली- किसी देश की आर्थिक प्रणाली में व्यवसाय के आर्थिक पर्यावरण को प्रभावी ढंग से प्रभावित करती है किसी देश की आर्थिक प्रणाली निम्न प्रकार की हो सकती है
* पंजीवादी अर्थव्यवस्था
* समाजवादी अर्थव्यवस्था
*मिश्रित अर्थव्यवस्था
2 सामाजिक घटक
इसके अंतर्गत जनसंख्या आकार ,लिंगानुपात, रीति रिवाज, परंपरा ,मान्यता, रुचियां ,उपभोग की आदतों का विश्लेषण किया जाता है.
3 तकनीकी घटक
इसके अंतर्गत उत्पादन तकनीकी और सूचना एवं प्रौद्योगिकी के आधुनिक तरीके को अपनाया जाता है.
4 प्रतियोगी घटक
व्यवसाय का अस्तित्व बनाए रखने के लिए प्रतियोगी घटकों का विश्लेषण अनिवार्य होता है । प्रतियोगी घटक निम्न प्रकार के हो सकते हैं
* इच्छाओं की प्रतियोगिता
* जन्म प्रतियोगिता
* उत्पाद स्वरूप प्रतियोगिता
* ब्रांड की प्रतियोगिता
4 राजनैतिक घटक
बाहरी विश्लेषण को राजनीतिक घटक प्रभावित करते हैं। किसी उद्योग के जीवित रहने के लिए राजनीतिक स्थिरता का होना आवश्यक होता है सरकार में जितनी ही स्थिरता होगी तेरे काले की योजनाएं इतनी कुशलता और सफलता के साथ लागू होंगी देश के औद्योगिक विकास में उद्यमियों का विश्वास बढ़ेगा।
5 आपूर्तिकर्ता
आपूर्तिकर्ता बारी पर्यावरण विश्लेषण को प्रभावित करते हैं। यह उद्योग के लिए कच्चा माल सामग्री आदि की पूर्ति करते हैं.
6 ग्राहक
बाहरी पर्यावरण विश्लेषण में ग्राहक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है ।ग्राहक की संतुष्टि पर ही संगठन का व्यवस्था निर्भर करता है। हमारी अर्थव्यवस्था ही ग्राहकमुखी है इसलिए इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
बाह्य पर्यावरण विश्लेषण तकनीक
बाह्पर्यावरण विश्लेषण की विभिन्न तकनीकें हैं लेकिन उनमें से मुख्य दो हैं
1 SWOT तकनीक
2 ETOP तकनीक
1 SWOT तकनीक
(S- strength W-weakness O-Opportunities
T-threats)
किसी नवीन परियोजना के बाहरी पर्यावरणीय अवसरों का ज्ञान करने के लिए अपनी शक्तियों ,दुर्बलता ओं, विद्यमान अवसरों और चुनौतियों का विश्लेषण ही सोट विश्लेषण कहलाता है।
1 संस्था की शक्तियां
संस्था की शक्तियों से आशय उस की प्रतिस्पर्धा करने की शक्ति से है जिसके कारण बाजार में संस्था की भूमिका सुनिश्चित हो जाती है.
2 संस्था की दुर्बलता
दुर्बलता से तात्पर्य प्रतिस्पर्धा की स्थिति में संस्था की कमजोरी से है । इसके लिए कुछ उपायों का सहारा लिया जाता है जैसे कि कार्य क्षमता में कमी का विश्लेषण ,साधनों का पूर्ण उपयोग ना होने के कारण का विश्लेषण और सफलता का विश्लेषण।
3 व्यावसायिक अवसर
इसके अंतर्गत संस्था प्रतिस्पर्धात्मक लाभ के अवसरों को प्राप्त करने और विकास करने का उपाय खोजा करती है
4 पर्यावरण चुनौतियां
इसके अंतर्गत इन विपरीत परिस्थितियों का अध्ययन किया जाता है जो संस्था के संचालन में बाधाएं उत्पन्न करती हैं और उद्यमी का सामना करने के लिए स्वयं को तैयार करते हैं।
ETOP विश्लेषण
(E-environmental T-threats O-Opportunities P-profile )
पर्यावरणीय चुनौतियां एवं अवसरों की पार्श्वविका
यह पर्यावरण निदान की महत्वपूर्ण तकनीक है । इसी के आधार पर संस्था की भावी व्यूहरचना तैयार की जाती है। पर्यावरणीय चुनौतियों के कुछ उदाहरण निम्न है
क ब्याज दरों में वृद्धि
ख करो में वृद्धि
ग मूल्य नियंत्रण
घ निर्यात प्रतिबंध
ङ विदेशियों को भारत में उद्योग की अनुमति
च उद्योगों के विस्तार पर प्रतिबंध
छ प्रतियोगिता में वृद्धि होना
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