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Showing posts from July, 2021

क्याअंतर है capital और Revenue receipts में और capital और Revenue Payment में

Capital Receipt Business के जिन  assets को खरीदा जाता है उनके विक्रय से या debentures को issue करने से या loan द्वारा प्राप्त cash  capital receipt  यानी पूंजीगत प्राप्तिओं से संबंधित होते हैं. Revenue Receipt   ये trading goods  के विक्रय या अन्य प्रकार के व्यापारिक प्राप्ति ओं से संबंधित होते हैं Capital Payment   इसमें fixed assets के purchase और loan के payment को शामिल किया जाता है. इनके साथ ही यह भी जान लें Revenue payment  इसमें purchase of goods ,salary ,wages, rent etc. को शामिल किया जाता है। Capital losses   Wastage of assets,capital return या issued capital से होता है. Revenue losses Wastage of current assets, loss on sale of trading goods  से होता है। *Revenue loss का अप लेखन संबंधित वर्ष के लाभ से ही किया जाता है जबकि capital loss को विभिन्न वर्षो के लाभों में से अपलिखित किया जाता है.  कुछ revenue expenses जो capital nature  के हो जाते हैं Legal expenses व्यवसाय को स्थापित करते समय किया गया कानूनी व्यय. Advertising expe...

क्या अंतर है capital expenses और revenue expenses में

https://youtu.be/PboClIKsovw प्रायः हमारे साथ confusion बना रहता है capital expenses  और revenue expenses में अंतर को लेकर। दोनों expenses nature के ही होते हैं फिर भी इनके स्वभाव में अंतर होता है ।चलिए बारी-बारी से इन दोनों के अंतर को देखते हैं Capital Expenses Capital expenses का आशय उन व्ययो है जो capital nature के होते हैं . उदाहरण के लिए किसी business unit को स्थापित करने के लिए हमें land& building, plant &machinery   के अलावा भी दूसरी चीजों की आवश्यकता होती है जो fixed assets स्वभाव के होते हैं. इनमें खर्च की गई राशि capital expenses कहलाती है। Capital expenses से संबंधित मुख्य तथ्य  1 capital expensez business unit के assets ,liabilities के परचेज से संबंधित होते हैं . 2 capital expenses के द्वारा जो लाभ प्राप्त होते हैं वह 1 वर्ष से ज्यादा के लिए होते हैं.  3 capital expenses business में बार-बार नहीं किए जाते हैं.   4 capital expenses व्यवसाय के प्रारंभिक लागतोopening cost को दर्शाते हैं . 5 यह बिजनेस के working capacity  को बढ़ाते हैं....

Auditing की व्यापक परिभाषा

J lancaster  के अनुसार  Balance sheet  की जांच vouching verification ही auditing है। इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि auditing books of accounrs, documents और vouchers जिनके आधार पर लेन देन लिखे जाते हैं का एक investigation है जिससे auditor balance sheet और दूसरे statement के संबंध में जो इन books में बनाए गए हैं अपना रिपोर्ट उन व्यक्तियों को दे सके जिन्होंने उसे appoint किया है। Wh Hanson के अनुसार Auditing books of acount और उसके आधार पर निर्मित स्टेटमेंट के सत्यता की जानकारी के लिए किया गया जांच है । ऊपरोक्त  definition में trading और non trading organisation दोनों आ जाते हैं जो अधिक व्यावहारिक है. उपरोक्त परिभाषा से auditingकी कुछ विशेषताएं स्पष्ट होती हैं। 1audit के लिए एक संस्थान का होना आवश्यक होता है चाहे वह profitable हो या non profitable. 2 auditor एक independent व्यक्ति  होना चाहिए . 3 audit का काम voucher और उससे जुड़े other सstatement पर आधारित होता है . 4 audit किसी इंस्टिट्यूशन के बुक्स आफ अकाउंट्स की शुद्धता और सत्यता की जांच है   5 audit का क...

क्या है Auditing ?

https://youtu.be/Ls1k0qJG3Og https://youtu.be/bIsaMWJh1L4 Auditing शब्द की उत्पत्ति latin word Audire   ( औडायर )से हुई है जिसका अर्थ सुनना होता है । यह सुनने का काम judge के द्वारा किया जाता था . Business ownersको books of account   में किसी प्रकार की शंका होती थी तो उसका accountant,  books of account को लेकर judge के सम्मुख उपस्थित होता था और  उनको  पढ़कर सुनाता था । इन पुस्तकों को सुनने के बाद में निर्णय देता था यह judge ही ऑडिटर कहलाता था। Definition Jr Batliboi के अनुसार Auditing का आशय business के books of account  की एक बुद्धिमता पूर्ण और आलोचनात्मक जांच से है जो कि उन documents और vouchers से की जाती है जिनके आधार पर उन्हें लिखा गया है। यह जांच यह जानने के लिए की जाती है कि एक निश्चित समय के लिए बनाया हुआ profit and loss account और balance sheet व्यवसाय के सही profitt या loss को और व्यवसाय की सही स्थिति को प्रदर्शित करते हैं या नहीं। Spicer and pehla के अनुसार Auditing, books of account और vouchers  की इस प्रकार जांच है जिसके द्वारा audit...

कैसे हुआAuditing का जन्म और इसकी भारत में शुरुआत

  आधुनिक लेखांकन प्रणाली की शुरुआत के साथ-साथ किताब को रखने के लिए व्यवस्थित प्रणाली को अपनाया जाने लगा जिसके audit की आवश्यकता महसूस हुई.  इटली के luca Paciolo को  दोहरे लेखांकन का जन्मदाता माना जाता है . बाद में इंग्लैंड औद्योगिक क्रांति के कारण व्यापार का स्वरूप बढा और व्यापारिक संस्थाओं का उदय हुआ इस  दौरान अंकेक्षण का महत्व पड़ा.  1844 के English company act द्वारा Balance Sheet बनाना और उसका audit करना अनिवार्य कर दिया . 1881 में The Institute of Chartered Account  की स्थापना इंग्लैंड मे की गई जो Accountant और Auditors को तैयार करते थे . 1993 में British Association of Accountants and Auditors की स्थापना की गई जिसकी परीक्षा पास कर कोई भी व्यक्ति भारत में ऑडिट कर सकता था. भारत में audit की शुरुआत 1913 में indian company act लागू किया गया और 1914 से भारत में audit की शुरुआत मानी जाती है . 1918 से मुंबई सरकार द्वारा लेखाकर्म का सरकारी डिप्लोमा दिया जाने लगा इस डिप्लोमा के आधार पर भारत में कहीं भी व्यक्ति Audit का काम कर सकता था.  1932 में सरकार द्वा...

Indian independent and professional investment information and credit rating agency (ICRA)

ICRA इसे औद्योगिक निगम द्वारा बढ़ावा दिया गया  उद्देश्य 1 संस्थागत और व्यक्तिगत निवेशकों और लेनदारों के लिए मार्ग प्रदर्शन और सूचना प्रदान करना । 2 वित्तीय बाजारों में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए निगमों को सहायता देना।   3 बैंकों, निवेश बैंकरों, दलालों को विपणन औजार प्रदान कर के निवेशकों के ऋण रखने योग्य बनाना। कार्य  1 क्रेडिट रेटिंग संबंधित सेवाएं ICRA गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, वित्तीय संस्थाओं, 'सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों और निगमों द्वारा जारी ऋणपत्रों की रेटिंग करता है । इसमें दीर्घ ,मध्य और लघु अवधि के वाणिज्य पत्र और डिपाजिट प्रमाण पत्र शामिल किए जाते हैं  2 सूचना सेवाएं  *ग्रेडिंग इक्विटी निवेशकों की प्रस्तावित कंपनी की कमाई पर महत्वपूर्ण आंकड़े प्रदान करना इसके कार्यों में से एक है। * कारपोरेट संस्था द्वारा सामना किए जाने वाले मुख्य मुद्दों की स्पष्ट तस्वीर यह प्रस्तुत करता है । *मुद्रा और वित्त से संबंधित भारतीय अर्थव्यवस्था के मौद्रिक और राजस्व क्षेत्र से संबंधित तिमाही रिपोर्ट का यह प्रकाशन करता है। * कारपोरेट निवेशकों के लिए विश्वसनीय सूच...

Credit Rating Information Services of India Ltd(CRISIL)

CRISIL CRISIL  को बढ़ावा भारत की औद्योगिक उधार और निवेश निगम लिमिटेड ने दिया।  इसकी स्थापना ऋण दायित्वों की क्रेडिट रेटिंग के लिए की गई थी जिससे निवेशकों को समय पर ब्याज और मुख्य रकम से युक्त जोखिम को बताया जा सके। उद्देश्य   1अस्थाई ब्याज प्रतिभूतियों में निवेश निर्णय को लेने में व्यक्ति और संस्थागत निवेशकों की सहायता करना।  2 विशेष प्रकार के ऋण पत्रों पर ब्याज भुगतान के जोखिम के लिए निवेशकों का मार्गदर्शन करना । 3 कम लागत पर ज्यादा निवेशक  के माध्यम से फंड इकट्ठा करने में कंपनियों की सहायता करना।  4 व्यापारी बैंक करो दलालों,निगमों, नियामक अधिकारियों के बीच क्रेडिट रेटिंग की धारणा की जागरूकता पैदा करना और वातावरण का निर्माण करना जिससे ऋणों की क्रेडिट रेटिंग किया जा सके। 5 बाजार नियामक प्रणाली का विकास करना जिससे पूंजी बाजार के स्वस्थ विकास और अनुशासन को सुनिश्चित किया जा सके । कार्य  1 क्रेडिट रेटिंग संबंधित सेवाएं  इसमें कम अवधि ,मध्यम और दीर्घ अवधि के ऋण पत्रों, अधिमान अंश, डिपॉजिट के प्रमाण पत्रों,वाणिज्यिक पत्रों और वित्तीय कंपनियों के दायित्...

Credit Analysis & Research in Equity Ltd(CARE)

CARE *स्थापित  औद्योगिक विकास बैंक द्वारा  *कार्य की शुरुआत 1993  *क्रेडिट रेटिंग की शुरुआत 1995  सेवाएं  1 उधार दर्जा बंदी  CARE छोटी अवधि और दीर्घ अवधि दो प्रकार के ऋण पत्रों की क्रेडिट रेटिंग करती है।  2 सूचना सेवाएं  इसमें किसी व्यावसायिक उद्योग द्वारा किसी कंपनी उद्योग या विभाग पर मांगी गई सूचना को केयर द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। यह बैंकों और व्यवसाय के लाभ के लिए कंपनियों पर क्रेडिट रिपोर्ट बनाती है । 3 इक्विटी शोध  यह शेयर बाजार के सूचीबद्ध शेरों का विस्तार से अध्ययन करत है उनमें संभावित विजेता और हारने वालों का पता लगाती है । 4 भारत सरकार द्वारा अधिसूचित तरल पेट्रोलियम गैस और बढ़िया केरोसिन तेल के समानांतर बाजारों के कार्य निष्पादन का क्रेडिट रेटिंग चेक द्वारा ही किया जाता है।  5 अन्य सेवाएं क CARE ऋण रेटिंग  यह संस्था बैंकों और विकसित वित्तीय संस्थाओं में निर्णय प्रक्रिया सहयोग देने वाली मूल्यवान सूचनाएं प्रदान करती है । ख सुधार विश्लेषण रेटिंग  यह उन व्यवसायिक संस्थाओं के लिए किया जाता है जो बैंकों वित्तीय संस्थाओं...