आधुनिक लेखांकन प्रणाली की शुरुआत के साथ-साथ किताब को रखने के लिए व्यवस्थित प्रणाली को अपनाया जाने लगा जिसके audit की आवश्यकता महसूस हुई.
इटली के luca Paciolo को दोहरे लेखांकन का जन्मदाता माना जाता है .
बाद में इंग्लैंड औद्योगिक क्रांति के कारण व्यापार का स्वरूप बढा और व्यापारिक संस्थाओं का उदय हुआ इस दौरान अंकेक्षण का महत्व पड़ा.
1844 के English company act द्वारा Balance Sheet बनाना और उसका audit करना अनिवार्य कर दिया .
1881 में The Institute of Chartered Account की स्थापना इंग्लैंड मे की गई जो Accountant और Auditors को तैयार करते थे .
1993 में British Association of Accountants and Auditors की स्थापना की गई जिसकी परीक्षा पास कर कोई भी व्यक्ति भारत में ऑडिट कर सकता था.
भारत में audit की शुरुआत
1913 में indian company act लागू किया गया और 1914 से भारत में audit की शुरुआत मानी जाती है .
1918 से मुंबई सरकार द्वारा लेखाकर्म का सरकारी डिप्लोमा दिया जाने लगा इस डिप्लोमा के आधार पर भारत में कहीं भी व्यक्ति Audit का काम कर सकता था.
1932 में सरकार द्वारा Auditors Certificate rule बनाए गए. इस आधार पर Registered Accountants तैयार होते थे .
1948 में लेखाकर्म विशेषज्ञ समिति की स्थापना की गई इसकी सिफारिशों पर CAA 1949 पास किया और ICAI की स्थापना दिल्ली में की गई.
इस संस्था की स्थापना के पश्चात Auditor की शिक्षा का संचालन इस संस्था के हाथों में चला गया.
एक auditor के मापदंडों का निर्धारण यही संस्था करती है .
ICAI 1949
*स्थान दिल्ली
*संस्थान का संचालन एक परिषद द्वारा किया जाता है.
*सदस्यों की अधिकतम संख्या 24
* केंद्र द्वारा नामांकित व्यक्ति 6
इसके सदस्य दो प्रकार के होते हैं
Associates यह अपने नाम के आगे ACA लिखते.
Fellows यह 5 वर्ष भारत में प्रैक्टिस करने के बाद एक निश्चित फीस जमा करके Fellows बनते और अपने नाम के आगे FCAलिखते .
1956 में भारतीय कंपनी अधिनियम बना इस प्रकार कंपनी अधिनियम 1913 का समापन हो गया.
अंकेक्षक के अधिकार दायित्व और कर्तव्य को इस अधिनियम द्वारा और स्पष्ट कर दिया गया .
1959 में cost and works accountant की स्थापना की गई।
Company Act 1956 सेक्शन 233a के अनुसार cost audit अनिवार्य कर दिया गया.
1964 में Chartered accountants regulation पास किया गया.
Audit के दृष्टि से company act 1956 में कई बार संशोधन किए गए जिनमें वर्ष 1960 1965 1969 1971 1974 1977 1978 1979 1980 1988 2013 मे किए गए संशोधन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है इसमें auditor के दायित्व भी बढ़ गए हैं.
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