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उद्यमी


पहले ब्लॉग में हमने उद्यमिता के बारे में जाना . उद्यमिता क्या होती है विभिन्न विद्वानों द्वारा बहुत तरीके से परिभाषित किया गया है किंतु उद्यमिता की मुख्य परिभाषा का जो निष्कर्ष था उसको पहले ब्लॉग में बताया गया जैसा कि यह स्पष्ट है कि उद्यमिता  वही होती है जो उद्यमी द्वारा किया जाने वाला कार्य होता है . इस ब्लॉग में हम उद्यमिता से संबंधित उद्यमी द्वारा किए जाने वाले कार्यों के बारे में,उद्यमी के बारे में जानेंगे.

उद्यमी की परिभाषा

उद्यमी शब्द की उत्पत्ति फ्रांसीसी शब्द एंटरप्रेन्र्दे से हुई है जिसका शाब्दिक अर्थ उत्तरदायित्व लेना है.

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार," वह व्यक्ति जो व्यवसाय अवसरों की पहचान करता है उनका उचित मूल्यांकन करता है और उनसे लाभ उठाने के उद्देश्य से समुचित कार्य करता है उद्यमी कहलाता है."

डेनहॉफ के अनुसार ," उद्यमी का मुख्य संबंध उत्पादन के सूत्र में ऐसे परिवर्तन करना है जिन पर उनका पूर्ण नियंत्रण होता है वह सूत्र की कार्यान्वित पर कम ध्यान देता है".

ऑक्सफोर्ड एडवांस्ड लर्नर्स शब्दकोश के अनुसार, "उद्यमी वह व्यक्ति है जो किसी उद्यम की जिम्मेदारी लेता है और पूंजी एवं श्रम के बीच मध्यस्थ का कार्य करता है".

इस प्रकार कहा जा सकता है कि उद्यमी बाजार विपणन अर्थव्यवस्था में परिवर्तन , विस्तार लाने के प्रतिनिधि होते हैं और नए विचारों का सृजन करते हैं प्रसार करते हैं और उनका प्रयोग करते हैं.

उद्यमी की प्रकृति

1 एक निजी व्यावसायिक साम्राज्य स्थापित करने की इच्छा

2 अपनी उत्कृष्टता सिद्ध करने की चाह

3 वस्तुओं को सृजित करने में उसकी सूझबूझ के प्रयोग से प्राप्त संतुष्टि

4 महत्वाकांक्षा

5 प्रबंधन और श्रमिकों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण

इस प्रकार उद्यमी शब्द का प्रयोग उन लोगों के लिए किया जाता है जो नवीन विचारों को जन्म देते हैं उपक्रम आरंभ करते हैं और अपनी स्वतंत्र पहल पर आधारित समाज को अतिरिक्त मूल्य प्रदान करते हैं.

उद्यमी की विशेषताएं

1 जोखिम उठाने की क्षमता

व्यवसाय का भविष्य अनिश्चिता से भरा होता है । व्यवसायिक निर्णय भी अनिश्चित और जोखिम भरा होता है ।लाभ या हानि संस्था को होगा यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता जिसका वाहक उद्यमी होता है.

2 दृष्टि

उद्योग निर्माण के लिए उद्यमी के पास काल्पनिक रूपरेखा रहती है जो इन्हें अपेक्षित गंतव्य लक्ष्य की ओर बढ़ाती है. 

3 वचनबद्धता एवं संकल्प शक्ति

उद्यमियों को उत्कृष्ट वचनबद्धता पसंद होती है तथा अपने कार्य को सफल उद्योग द्वारा परिवर्तित करने के लिए यह संकल्प बंद होते हैं.

4 सृजनशीलता

 नवप्रवर्तन द्वारा अधिक तकनीकी और नवीन सोच सृजनशीलता के मूल होते हैं इस ज्ञान से ही नए उत्पाद बाजार में आते हैं .उद्यमी सृजनशीलता द्वारा ही समाज को नहीं वस्तुओं से परिचित कराता है.

5 सत्य निष्ठा और विश्वसनीयता

उद्यमी ऊंचे दर्जे के सत्य निष्ठा और विश्वसनीयता रखते हैं क्योंकि उन्हें उनके हित रखने वाले व्यक्ति उनसे अंशधारक ग्राहक नेता इन सभी का विश्वास जीतना होता है.

6 संगठनात्मक कुशलता

उद्यमी कुशल संगठनात्मक योग्यता से संपन्न होते हैं वह उपयुक्त व्यक्ति को उपयोग कार्य पर लगाते हैं और व्यक्तियों तथा संसाधनों को अपनी दूरदर्शिता के अनुसार सम्मानित करने में कुशल होते हैं.

7 अनिश्चितता में धैर्य

उद्यमी अनिश्चितता की स्थिति में धैर्य रखते हैं क्योंकि व्यवसाय में रुकावट है और कठिनाइयां अपरिहार्य होती हैं उनके लिए कार्य सुरक्षा और सेवानिवृत्ति का कोई स्थान नहीं रहता.

8 असफलता में धैर्य

उद्यमी को असफलता में धैर्य रखना होता है .यदि सफलता के स्थान पर और सफलता हाथ लग जाती है तो इसके लिए तैयार रहना पड़ता है क्योंकि असफलता सफलता का मार्ग प्रशस्त करती है.

उद्यमी के गुण

1 एक सफल उद्यमी में पहल और तुरंत निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए.

2 उद्यमी को शिक्षण प्रशिक्षण द्वारा समस्याओं को समझ कर उसको हल करना चाहिए.

3 उद्यमी को सूझबूझ और व्यवहार कुशलता द्वारा अवसरों का लाभ उठाना चाहिए.

4 उद्यमी को श्रम शील होना चाहिए .व्यापार में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है.

5 उद्यमी को व्यवहार कुशल और विनम्र होना चाहिए एक व्यवहार कुशल उद्यमी ना केवल अधिक ग्राहक को आकर्षित करता है बल्कि व्यापार के लिए अस्थाई ख्याति भी अर्जित कर सकता है.

6 उद्यमी को व्यापार के प्रति स्वाभाविक रूप से रुचि लेनी चाहिए. कार्य में सफलता के लिए रुचि की आवश्यकता होती है. 

7 सती चरित्र द्वारा समाज में प्रतिष्ठा और सम्मान मिलता है. इससे व्यक्तित्व विकास होता है और उद्यमी का समाज में प्रभाव बढता है.

8 एक सफल उद्यमी को परिस्थितियों के अनुकूल अपने आप ढालने की क्षमता होती है. 

9 एक उद्यमी की स्मरण शक्ति अत्याधिक होनी चाहिए तभी वह संबंधित तथ्यों के अनुसार निर्णय ले सकता है.

10 एक उद्यमी को स्थाई सफलता के लिए सत्य और निष्ठा पर आधारित व्यवसायिक नीति को अपनाने चाहिए क्योंकि बेईमानी से केवल अस्थाई सफलता ही मिल सकती है.

उद्यमियों का वर्गीकरण

डेनहॉफ ने उद्यमियों को 4 वर्गों में बांटा है

1 नई संभावनाओं को मूर्त रूप देने वाले नए उत्पाद का निर्माण करने वाले और नए बाजार की खोज करने वाले

2 नई खोज की जगह अन्य खोजों का प्रयोग करने वाले और उत्पादन में थोड़ा संशोधन करने वाले

3 रूढ़िवादी और अपने पूर्वजों के मार्गदर्शन का अनुसरण करने वाले
4 ऐसे उद्यमी जो कठोर और अडिग प्रवृत्ति के होते हैं और परिवर्तनों का प्रतिरोध करते हैं इन्हें ड्रोन उद्यमी कहा जाता है

उद्यमी के अन्य प्रकारों में व्यक्तिगत उद्यमी, संस्थागत उद्यमी, पंचायत उद्यमी ,व्यावसायिक उद्यमी ,व्यापारिक उद्यमी ,औद्योगिक उद्यमी ,निगम उद्यमी ,कृषि उद्यमी, विशुद्ध उद्यमी ,अभिप्रेरित उद्यमी ,शास्त्रीय उद्यमी ,प्रथम पीढ़ी उद्यमी ,पेशेवर उद्यमी ,तकनीकी उद्यमी ,शैक्षिक उद्यमी आते हैं.

उद्यमी की भूमिका

उद्यमी किसी भी देश के आर्थिक विकास में निम्न प्रकार से सहायक होते हैं

1 संतुलित क्षेत्रीय विकास

लोक निर्माण और पिछड़े क्षेत्रों में उद्यमियों के पहल से उत्पादन का कार्य होता है उद्योग स्थापित होते हैं और इसके लिए सरकारें रहते हैं और अनुदान देती हैं जिसके फलस्वरूप संतुलित क्षेत्रीय विकास होता है।

2 पूंजी निर्माण
उद्यमी बचत को इकट्ठा कर उद्योगों में निवेश कर पूंजी का निर्माण करते हैं।

3 प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि
उद्यमी अवसरों को तलाश कर बेकार साधनों का उपयोग कर उत्पादन कार्य करते हैं जिससे रोजगार में वृद्धि होती है और प्रति व्यक्ति आय बढ़ती  है।

4 जीवन स्तर में सुधार
उद्यमी के प्रयास से लोगों की आवश्यकता ओं के अनुरूप वस्तुओं का उत्पादन होता है जिसकी पूर्ति जीवन स्तर को सहज बनाती है और जीवन स्तर में वृद्धि होती है.

5 देश का तीव्र आर्थिक विकास
उद्यमी द्वारा उद्योगों की स्थापना से उद्योग के साथ-साथ रोजगार में वृद्धि होती है आर्थिक क्रियाकलाप तेज होते हैं जिससे आर्थिक विकास को गति मिलती है.

6 आर्थिक सत्ता का विकेंद्रीकरण
विभिन्न उद्योगों के आ जाने से एकाधिकार खत्म हो जाता है और आर्थिक सत्ता का विकेंद्रीकरण हो जाता है या नहीं या फिर भी उद्यमियों के हाथों में चला जाता है.

7 साधनों का अनुकूलतम उपयोग
उद्यमी देश में उपलब्ध साधनों का अनुकूलतम उपयोग करने में सक्षम होते हैं यह उपलब्ध साधनों को गतिशील कर उत्पादकता में वृद्धि करते हैं.

उद्यमी और प्रबंधक में अंतर

1 एक उद्यमी अब व्यवसायिक उपक्रम का स्वामी होता है जबकि प्रबंधक व्यवसाय उपक्रम का कर्मचारी होता है.

2 उद्यमी एक सृजन करता होता है जिसके प्रयोग व्यावसायिक स्तर पर किए जाते हैं जबकि प्रबंधक उसी व्यवसाय के संवर्धन के लिए कर्मचारी के रूप में नियुक्त होता है

3 उद्यमी एक जो है जोखिम वाहन करने वाला होता है जबकि प्रबंधक अपने कार्यों के बदले में वेतन पाने वाला व्यक्ति होता है.

4 उद्यमी के लिए किसी डिग्री की आवश्यकता नहीं होती है जबकि प्रबंधकों के लिए मान्यता प्राप्त संस्थानों से डिग्री की आवश्यकता होती है.

5 उद्यमी का पुरस्कार उसके द्वारा उठाया जाने वाला जोखिम होता है जो उसे लाभ के रूप में प्राप्त होता है जबकि प्रबंधक का पुरस्कार उसका वेतन होता है.

6 उद्यमी द्वारा लिए गए निर्णय में सुधार नहीं किया जा सकता जबकि प्रबंधक द्वारा लिए गए गलत निर्णय में संशोधन किया जा सकता है।

उद्यमी द्वारा किए जाने वाले कार्य

1 नवकरण 

उद्यमी का प्रमुख कार्य नवसृजन है अर्थात नए उत्पादों का उत्पादन नए बाजारों का सृजन उत्पादन की नई विधियों का सृजन कच्चे माल की नवीन आपूर्ति.

2 जोखिम  वहन करना

उद्यमी व्यवसाय में होने वाले जोकिंग का वाहक होता है उसके द्वारा लिए गए निर्णय संगठन को लाभ देख सकते हैं या हानि भी.

3 संगठन और प्रबंध में महत्वपूर्ण भूमिका

उद्यमी को मुख्य कार्य संगठन और प्रबंधन है क्योंकि उत्पादन के विभिन्न साधनों का संगठन और कुशल प्रबंधन करना उसके महत्वपूर्ण कार्यों में से एक है.

4 वित्तीय व्यवस्था

व्यापार के संचालन के लिए वित्त की आवश्यकता होती है आंतरिक स्रोतों के अतिरिक्त बाह्य स्रोत पर आश्रित रहना पड़ता है । बाह्य स्रोतों की विधि व्यवस्था उद्यमी द्वारा ही की जा सकती है।

5 मार्गदर्शन करना

उद्यमी को अपने कर्मचारियों एवं अधिकारियों का मार्गदर्शन करना पड़ता है जो उन्हें  प्रेरित करते हैं.

6 उत्पादन की इकाई का आकार निर्धारित करना

उद्यमी को उत्पादन इकाई के आकार का निर्धारण करना पड़ता है । इस संबंध में निर्णय वस्तु की मांग पर निर्भर करता है। मांग कम होने पर उत्पादन इकाई का आकार छोटा होगा तथा मांग अधिक होने पर आकार बड़ा होगा।

7 कर्मचारियों की नियुक्ति

किसी व्यवसाय को सफलतापूर्वक चलाने के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति करना पड़ता है और कर्मचारियों को उनकी योग्यता और उसी के आधार पर कार्य आवंटित करने पड़ते हैं उद्यमी द्वारा यह कार्य किया जाता है।

8 नियंत्रण एवं निर्देशन से संबंधित कार्य

उद्यमी का व्यवसाय के समस्त क्षेत्रों में नियंत्रण होता है और वह नीतियों का निर्धारण करता है आवश्यकता पड़ने पर उनके लिए निर्देश देता है।

9 आय का वितरण

उत्पादन से प्राप्त आय को उद्यमी उत्पादन के विभिन्न साधनों पर वितरण करता है।


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