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वाणिज्यिक बैंक एवं उसके कार्य

 आज हम भारत में बैंकिंग व्यवस्था के अंतर्गत वाणिज्यिक बैंक की बात करेंगे लेकिन उसके पहले बैंक शब्द के बारे में, बैंकिंग के बारे में संक्षिप्त जानकारी ले  लेते हैं

बैंक शब्द की उत्पत्ति

बैंक शब्द की उत्पत्ति इटालियन भाषा के Banco शब्द से हुई है फ्रांसीसी इसे Banke कहने लगे और आगे चलकर अंग्रेज Bank कहकर संबोधित करने लगे।
Bank शब्द की उत्पत्ति कहीं से भी हुई हो लेकिन इसकी उत्पत्ति यूरोपीय शब्द से ही मध्यकालीन यूरोप में हुई है।

बैंक की परिभाषा

सामान्य अर्थ में बैंक एक ऐसी संस्था है जो low rate of interest जमा स्वीकार करती है और high rate of interest  साख का सृजन करती है यानी उधार देती है। 
अर्थात वह संस्था जो मुद्रा जमा के रूप में स्वीकार करती है और साख सृजन का कार्य करती है कहलाती है
बैंक की परिभाषा विभिन्न विद्वानों द्वारा अलग-अलग तरह से दी गई है परंतु हम यहां विशेषकर भारत के संदर्भ में इसकी परिभाषा को देखेंगे जो भारतीय बैंकिंग अधिनियम के अंतर्गत परिभाषित है

बैंकिंग कंपनी अधिनियम 1949 के अंतर्गत

बैंकिंग कंपनी वह कंपनी है जो बैंकिंग का कार्य करती है ।

बैंकिंग से तात्पर्य जनता को उधार देने के लिए या विनियोग  के लिए जमा स्वीकार करना और मांग पर अथवा समय पूर्ण होने पर चेक द्वारा विकर्ष  द्वारा या आदेश द्वारा उनके भुगतान करने से है।

वर्तमान संदर्भ में बैंक से हमारा तात्पर्य वाणिज्यिक बैंक से है। यह हमारे जीवन का एक अंग बन गया है विशेषकर कोविड-19 के चलते हैं ।इस संक्रमण काल में सरकार से लेकर आम जनता तक के कार्यों में वाणिज्यिक बैंक अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। चलिए वाणिज्यिक बैंक के बारे में संक्षिप्त जानकारी देते हैं-

वाणिज्यिक बैंक

वह बैंक जो लाभ के उद्देश्य से बैंकिंग का कार्य करते हैं वाणिज्यिक बैंक कहलाते हैं 

अर्थात यह लो रेट ऑफ इंटरेस्ट पर जमा स्वीकार करते हैं और हाई रेट ऑफ इंटरेस्ट पर साख यानी उधार का सृजन करते हैं इस प्रकार रेट ऑफ इंटरेस्ट के अंतर द्वारा ही इन्हें लाभ होता है.

उदाहरण के लिए मान लीजिए बैंक के बचत खाते में जमा राशि पर 3% का ब्याज देता है अब उसी राशि का कुछ भाग बैंक साख सृजन के लिए उपयोग करता है जो 5% है तो बैंक द्वारा प्राप्त लाभ 2% होगा।
वाणिज्यिक बैंक अनेक प्रकार के कार्य करते हैं जिन्हें तीन भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है

1 मुख्य कार्य 

2 पूर्ण कार्य 

3 सामाजिक कार्य

1 मुख्य कार्य

मुख्य कार्य में बैंक जमा है स्वीकार करना और साख यानी उधार देना सम्मिलित है। जमाए स्वीकार करने के अंतर्गत बैंक अपने यहां विभिन्न प्रकार के जमा की प्रकृति के अनुसार जनता के खाता खोलते हैं जिनमें जनता अपनी सुविधा के अनुसार रुपया जमा करती है. इन सुविधाओं के आधार पर बैंक अपने यहां निम्न प्रकार के खाते खोलते हैं

क ) बचत खाता

ख) चालू खाता

ग) सावधि जमा खाता

घ) आवर्ती जमा खाता

ङ) बुनियादी बचत खाता

क  बचत खाता

यह खाता हर प्रकार के बैंक में खोला जा सकता है जिस में जमा की एक न्यूनतम राशि प्रत्येक बैंक द्वारा अलग-अलग निर्धारित की जाती है जो  ₹1000 या उससे अधिक होती है । जनता द्वारा जो न्यूनतम राशि खाते में जमा की जाती है उस पर ब्याज बैंक द्वारा दिया जाता है या जो भी राशि बचत खाते में शेष होती है उस पर ब्याज की राशि बैंक देते हैं।
सुविधानुसार जनता इस बात  खाते में राशि जमा कर सकती है या निकासी कर सकती है । जमा और निकासी के लिए बैंक द्वारा मांग पर देय जमापत्र, चेक बुक या एटीएम कार्ड की सुविधा दी जाती है।

ख  चालू खाता

इस प्रकार के खाते की सुविधा बैंक द्वारा व्यवसायी या गैर व्यवसायिक संगठनों  (अनाथालय ,स्कूल, क्लब, अस्पताल ) को दिए जाते हैं। इसमें जमा की जाने वाली राशि की सीमा नहीं होती और जमा व निकासी प्रतिदिन कितनी बार भी की जा सकती है। इस पर पाबंदियां नहीं होती है। इसलिए व्यवसायिक संगठन इस खाते को ही खुलवाते हैं। बैंक द्वारा इन संगठनों  को ओवरड्राफ्ट की सुविधाएं दी जाती हैं । खाते में जमा और निकासी की सुविधाओं के लिए बैंक द्वारा एक निश्चित राशि प्रतिवर्ष ली जाती है।

ग  सावधि जमा खाता

इस खाते में जमा राशि एक निश्चित अवधि के लिए होती है जो 10 वर्ष तक की हो सकती है। प्रायः जमा कर्ता जो जोखिम नहीं उठाना चाहता है और जिसके पास अधिक राशि है वह अपनी राशि का कुछ हिस्सा बैंक के पास सावादी खाते में जमा कर देता है जिस पर बैंक द्वारा दिया गया  ब्याज उसके बचत खाते से अधिक होता है।

घ  आवर्ती जमा खाता

इस खाते के अंतर्गत बैंक द्वारा जमा करता से एक निश्चित राशि प्रतिमाह या एक निश्चित समय अंतराल पर 1 वर्ष के लिए या 5 वर्ष तक किया जाता है इस अवधि के पूर्ण होते ही जमा करता को यह राशि ब्याज समेत वापस कर दी जाती है।

ङ  बुनियादी बचत खाता

इस खाते की शुरुआत 2012 में आरबीआई के निर्देशानुसार किया गया था जिसे अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के अतिरिक्त विदेशी बैंकों द्वारा खोलने का निर्देश दिया गया . इसके अंतर्गत खाताधारक को जीरो बैलेंस पर खाता की सुविधा दी जाती है जिसमें न्यूनतम बैलेंस की कोई आवश्यकता नहीं है। इस खाते की सुविधा गरीबों और अनुसूचित जाति के लोगों को ध्यान में रखकर दी गई . इस खाते से  निकासी की संख्या सीमित है . कोई भी व्यक्ति इस खाते से निकासी 1 महीने में 4 बार से ज्यादा नहीं कर सकता है. निकासी के लिए वह एटीएम या आधार संख्या का प्रयोग कर सकता है. आज ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक कॉरस्पॉडेंट द्वारा यह सुविधा जनता को दी जाती है जिसमें सरकारी योजना, वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन ,किसान समृद्धि योजना के अंतर्गत दी जाने वाली राशि जनता को दी जाती है।

(B )जमाए स्वीकार करने के अतिरिक्त बैंक द्वारा साख निर्माण का कार्य किया जाता है। यह अपने प्रारंभिक जमा से अधिक राशि उधार देते हैं और साख का निर्माण करते हैं.

(C) ऋण देना बैंक लोगों को या व्यवसायिक संगठनों को ऋण प्रदान करते हैं यह ऋण नकद साख या अधिविकर्ष के रूप में होते हैं।

नकद साख के अंतर्गत बैंक जमानत के रूप में ग्राहकों की संपत्ति रखने के पश्चात उसका मूल्यांकन कर एक निश्चित सीमा तक ऋण  निकालने का अधिकार देता है और ऋण के रूप में निकाली गई राशि पर ही ब्याज देय होता है जैसे बैंक किसी ग्राहक के गोदाम की चाबी अपने पास रखता है तो उसी आधार पर वह उस ग्राहक को ऋण प्रदान  करता है।

अधिविकर्ष की सुविधा बैंक द्वारा चालू खाते के  ग्राहकों को दी जाती है। इसके अंतर्गत आवश्यकता पड़ने पर बैंक ग्राहकों के खाते में जमा राशि से अधिक राशि की अनुमति देता है ।उदाहरण के लिए यदि चालू खाते में जमा राशि ₹5000 हैं और ग्राहक को ₹7000 की आवश्यकता पड़ती है तो वह ₹7000 की निकासी चेक द्वारा कर सकता है।

(D) विनिमय पत्रों की कटौती 

इसकेेेे अंतर्गत बैंक  विनिमय पत्रों की कटौती करता है और उसके बदले ऋण प्रदान करता है. यह विनिमय पत्र व्यापारिक बिल होते हैं जिनपर प्रचलित ब्याज दर को वह प्राप्त करता है। विनिमय पत्र की अवधि पूरी हो जाने पर ऋण की राशि वसूल हो जाती है।

(E) सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद

बैंक अपने जमा का एक हिस्सा सरकारी प्रतिभूतियों को क्रय करने में लगाते हैं दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि सरकारी प्रतिभूतियों क्रय का अर्थ है बैंक द्वारा सरकार को उधार दिया गया। बैंक द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद सबसे सुरक्षित उधार देने का तरीका है।

2 गौण कार्य

एजेंसी के रूप में

इसके अंतर्गत बैंक ग्राहकों के प्राप्त बिल ,चेक ,प्रतिज्ञा पत्र आदि की राशि एक निश्चित कमीशन के अंतर्गत कलेक्ट करता है.

*ग्राहकों की ओर से भुगतान  है .

*भुगतान का संग्रह करता है .

*प्रतिभूतियों का क्रय विक्रय करता है .

*धन का हस्तांतरण करता है इत्यादि.

ग्राहकों को अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराना

*ग्राहकों के लॉकर के रूप में काम करता है
 
*प्रतिभूतियों का अभिगोपन करता है

 *विदेशी विनिमय में सहायता करता है

*व्यापारिक आंकड़े और सूचनाएं इकट्ठा करता है

3 सामाजिक कार्य


*औद्योगिकरण में मदद करता है 

*उद्योगों के पूंजी निर्माण में सहायता करता है 

*वित्तीय कोषों के प्रवाह में मदद करता है 

*रोजगार के लिए वित्तीय सहायता देता है

 *भुगतान की सुविधा प्रदान करता है 

*निवेश से संबंधित परामर्श देता है 

इस प्रकार वाणिज्यिक बैंक हमारे दैनिक कार्यों के लिए और भविष्य की सुरक्षा के लिए मौद्रिक आधार प्रदान करता है और हमारी बचत को इकट्ठा कर उद्योग के पूंजी निर्माण द्वारा अर्थव्यवस्था का विकास करता है उसे मजबूती प्रदान करता है।







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