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उद्यमिता विकास कार्यक्रम

भूमिका
किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का विकास उद्योग पर आधारित होता है यानी उद्योग अर्थव्यवस्था की धुरी  है जिसके चारों तरफ औद्योगिक गतिविधियां घूमते रहते हैं।लेकिन इन गतिविधियों को नित्य निरंतर बनाए रखने के लिए उद्यमियों का निरंतर विकास होना और नए उद्यमी पैदा होना आवश्यक होता है। किसी भी देश की सरकार द्वारा इस प्रकार के उद्यमियों को जो पहले से ही अस्तित्व में है और जो  नए व्यक्ति उद्यमी के रूप में अपनी भूमिका निभाना चाहते हैं उनके लिए उद्यमिता विकास से संबंधित कार्यक्रम चलाया जाते हैं। इस ब्लॉग में हम  उद्यमिता  विकास कार्यक्रम के बारे में जानेंगे.
उद्यमिता विकास कार्यक्रम को जानने से पूर्व संक्षेप में 
उद्यमिता विकास को जान लेते हैं यह है क्या.?

उद्यमिता विकास एक प्रक्रिया है जिसमें व्यक्तियों को व्यावसायिक अनिश्चितताओं के बीच निर्णय लेने और जोखिम उठाने के लिए तैयार किया जाता है.

उद्यमी बनाए जाते हैं-

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि उद्यमी के बारे में बताती है कि उद्यमी पैदा होते हैं जो अपनी सोच समझ अपने अनुभव से वातावरण के बाहरी और भीतरी  घटक के अनुसार व्यावसायिक निर्णय लेते हैं. यही क्रियाकलाप पारिवारिक पृष्ठभूमि में लोगों के द्वारा अपनाए जाते हैं जो उद्यमियों को पैदा करते हैं. वर्तमान संदर्भ में औद्योगिक वातावरण में एक  सामान्य बुद्धि वाला व्यक्ति छोटे व्यवसाय की स्थापना कर सकता है लेकिन इससे पूर्व उसे संबंधित व्यवसाय की जानकारी उसका प्रशिक्षण आवश्यक होता है .उसमें उद्यमियों के गुणों के विकास हेतु प्रशिक्षण दिया जाता है, जोखिम उठाने के लिए प्रेरित किया जाता है, सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की रियायत दी जाती हैं, बैंकिंग संस्थाओं द्वारा वित्त की सुविधाएं दी जाती हैं ताकि वह व्यक्ति स्वरोजगार द्वारा अन्य रोजगार पैदा कर सकें.

उद्यमिता विकास कार्यक्रम की परिभाषा

जिस कार्यक्रम द्वारा व्यक्ति के उद्यमी कुशलता उद्देश्यों और क्षमताओं को अधिक प्रभावपूर्ण ढंग से तैयार किया जाता है उद्यमी विकास कार्यक्रम कहलाता है.

उद्यमिता विकास कार्यक्रम के उद्देश्य

*शंभावी उद्यमी की पहचान करना 

*उद्यमी के गुणों को अभिप्रेरणा द्वारा विकसित कर सशक्त बनाना 

*बाहरी वातावरण का विश्लेषण करना
 
*सही परियोजनाओं का चयन करना और उनको लागू करना 

*आधारभूत प्रबंध की योग्यता को लागू करना

विशेषता

*प्रशिक्षण हेतु उद्यमियों की पहचान करना और उनका चयन करना 

*प्रशिक्षु उद्यमियों की क्षमताओं को विकसित करना
 मूल प्रबंध का ज्ञान देना
 
*आवश्यक वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना 

*आधारभूत पूंजीगत ढांचे में सहायता करना 

*एक व्यवहारिक औद्योगिक वातावरण तैयार करना

*औद्योगिक परियोजनाओं को आरक्षित करना

 उद्यमिता विकास कार्यक्रम का महत्व

उद्यमिता विकास कार्यक्रम एक मानव साधन विकास कार्यक्रम है यह कार्यक्रम बेरोजगारी को दूर करने औद्योगिक इकाइयों की स्थापना उनके संवर्धन उनके विकास में सहायक होता है
या आर्थिक विकास की प्रक्रिया में निम्न प्रकार से सहायता करता है

1 रोजगार का सृजन करके

इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रशिक्षित व्यक्ति लघु या मध्यम उद्योग स्थापित करते हैं ।एक  व्यक्ति स्वयं रोजगार तो पता ही है साथ में अन्य व्यक्तियों के लिए रोजगार के अवसर तभी सृजन करता है.

2 प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि

प्रशिक्षित उद्यमी द्वारा उद्योग स्थापित किए जाने से रोजगार का सृजन होता है जिसके कारण आर्थिक विकास होता है और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होती है.

3 पूंजी निर्माण में सहायक

उद्यमी द्वारा खुदरा बचत को इकट्ठा कर उत्पादन के घटकों में  उपयोग किया जाता है और पूंजी निर्माण में सहायता मिलती है.

4 स्थानीय संसाधनों का उपयोग

उद्यमिता विकास कार्यक्रम द्वारा स्थानीय स्तर पर उद्यमों की स्थापना को प्रोत्साहन मिलता है इससे उद्यमी स्थानीय संसाधनों का समुचित उपयोग करने में सक्षम हो जाते हैं

5 संतुलित क्षत्रिय विकास

लघु इकाइयों की स्थापना के द्वारा पिछड़े क्षेत्रों का विकास होता है जिसके कारण स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन होते हैं बाजार का निर्माण होता है और अन्य रोजगार का भी सृजन होता है।

6 व्यावसायिक उपक्रम के स्थापना में सहायक

उद्यमिता विकास कार्यक्रम ने उपक्रमों की स्थापना में उद्यमी को उद्यमियों को आवश्यक सूचनाएं उपलब्ध करता है जो उद्योग स्थापित करने में सहायक होते हैं.

7 आर्थिक स्वतंत्रता

उद्यमिता विकास कार्यक्रम के कारण ही नए और प्रतिस्पर्धात्मक उद्यमियों का बाजार में आगमन होता है जिससे ग्राहकों को अच्छी किस्म की वस्तुएं समुचित लागत पर प्राप्त होती है.

8 परियोजना में सहायक
किसी परियोजना का चुनाव करने के लिए उसका तकनीकी और वित्तीय विश्लेषण आवश्यक होता है . उद्यमिता विकास कार्यक्रम से परियोजना के प्रारूप को तैयार करने में सहायता मिलती है.

उद्यमिता विकास कार्यक्रम की उपलब्धियां

1 इसनेेेेेेेेेे औद्योगिकरण की आधारभूत संरचना की है  और उसकी गति को बढ़ायाा है ।

2 इस कार्यक्रम द्वारा रोजगार की समस्याएं दूर हुई है.


3 इन कार्यक्रमों के माध्यम से नवीन उपक्रमों की स्थापना की गई है.

4 उद्यमियों के प्रशिक्षण के लिए कई जगहों पर प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए गए हैं.

5 देश-विदेश में कई जगहों पर बड़ी संख्या में उद्यमिता विकास संस्थाओं की स्थापना की गई है ।जैसे प्रबंधकीय विकास संस्थान, भारतीय महिला विकास संस्थान, लघु उधमिता विकास मंडल ,लघु उद्योग सेवा संस्थान आदि.

 6 लघु उद्योग विकास खासकर पिछड़े और ग्रामीण क्षेत्रों में होने से वहां विकास हुआ.

7 ग्राहकों को नई नई वस्तुओं की जानकारी हुई। अब कम कीमत पर अच्छी वस्तुएं उपलब्ध होने लगी है.
उद्यमिता विकास कार्यक्रम के चरण

उधमिता विकास कार्यक्रम के तीन चरण है
 
1 प्रशिक्षण पूर्व चरण
 2 प्रशिक्षण चरण 
  3  प्रशिक्षण पश्चात चरण

1 प्रशिक्षण पूर्व चरण प्रशिक्षण पूर्व चरण की नींद गतिविधियां है 
* पाठ्यक्रम का निर्धारण 
 *प्रशिक्षण शक्ति विभाग 
 *विज्ञापन का प्रवेश 
  *संभावित उद्यमियों का चयन

2 प्रशिक्षण चरण
इसका मुख्य उद्देश्य उद्यमियों में उद्यम के प्रति प्रेरणा एवं आवश्यक योग्यताओं को विकसित करना है. इसमें बाजार सर्वेक्षण परियोजना का निर्माण संभावना प्रतिवेदन उत्पादन एवं सेवा के विपणन आदि से परिचय कराया जाता है.

3 प्रशिक्षण पश्चात चरण
 प्रशिक्षण के पश्चात के चरण में यह सुनिश्चित किया जाता है कि पिछले अनुभव में कोई कमियां जो उजागर हुई हैं उन्हें कैसे दूर किया जा सकता है जिन उद्यमियों ने गलत योजनाएं चुनी हैं उनको उचित सहायता दी जाती है.

उद्यमिता विकास कार्यक्रम के संचालन में समस्याएं

1 राष्ट्रीय स्तर पर कोई नीति नहीं

2 मूलभूत सुविधाओं की कमी
 
3 योग्य शिक्षक शक्ति की कमी 

 4 वित्तीय संस्थाओं पर  क्षीण व्यवहार 
 
 5 अफसरशाही 

6 अनुप्रयुक्त विधि 

7 प्रशिक्षण पूर्व परियोजना चयन की समस्या 

8 उद्यमिता विकास कार्यक्रम की अवधि 

9 दोषपूर्ण चयन प्रक्रिया 

10वां विभिन्न संस्थानों में समन्वय का अभाव

उद्यमिता विकास कार्यक्रम को सफल कैसे बनाया जाए?

उद्यमिता विकास कार्यक्रम को निम्न उपायों द्वारा सफल बनाया जा सकता है

 1 उद्यमिता विकास कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए क्रियाओं में उठती जन आवश्यक है.  इसमें उद्यमतीय सुविधाओं का प्रचार ,संभावित परियोजनाओं की पहचान ,उद्यमियों की समस्याओं के लिए मिले-जुले मंच आदि सम्मिलित हैं।

2 अल्पकालीन कार्यक्रमों का संचालन हमेशा होते रहना चाहिए इससे अध्यन सील एवं कार्यशील उद्यमियों को बहुत सहायता मिलती है .

3 कार्यक्रम की सफलता के लिए योग्य शिक्षकों का होना आवश्यक है उनकी योग्यता का निर्धारण होना चाहिए  वह स्वयं एक उद्यमी होना चाहिए जिसने अपनी कुशलता और अनुभवों से उद्यम को लाभ दिया हो।

4 उद्यमिता विकास कार्यक्रम के अंतर्गत संभावित परियोजना की रूपरेखा तैयार कर उसके अनुरूप उद्यमियों को प्रशिक्षण दिया जाए उन्हें वित्तीय सहायता दी जाए।

5 यह आवश्यक है कि उद्यमियों में उपलब्ध प्रेरणा प्रशिक्षण और अनुकूल वातावरण विकसित किया जाए.।

6 उद्यमिता विकास कार्यक्रम संचालित करने वाली संस्थाओं से अपेक्षा की जाती है कि वह एक और मांग का अध्ययन करें तथा दूसरी ओर उपलब्ध स्थानीय साधनों का आकलन करें.।

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