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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India )

किसी भी अर्थव्यवस्था के मौद्रिक मौद्रिक संतुलन के लिए केंद्रीय नियंत्रण की आवश्यकता होती है। यह  नियंत्रण उस अर्थव्यवस्था के केंद्रीय बैंक द्वारा निर्धारित होता है। यहां अर्थव्यवस्था से तात्पर्य किसी देश की भौगोलिक और राजनीतिक सीमा के अंतर्गत आने वाली अर्थव्यवस्था से है।
भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया भारत के केंद्रीय बैंक की भूमिका निभाता है। इस ब्लॉक में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के बारे में हम संक्षिप्त जानकारी लेंगे।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

👍1913 चैंबर्लिन आयोग द्वारा भारत में केंद्रीय बैंक की सिफारिश की गई।

👍1927 हिल्टन यंग आयोग द्वारा भारत में केंद्रीय बैंक की सिफारिश की गई।

👍1933 गोलमेज सम्मेलन में भारत को राजनीतिक अधिकार के साथ-साथ केंद्रीय बैंक स्थापित करने का भी निर्णय किया गया।

👍1934 भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम पारित किया गया ।

👍1935 रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को स्थापित किया गया

पूंजी


*शुरू में आरबीआई की पूंजी ₹5 करोड़ थी जो 100-100 रुपए के 500000 अंशों में  विभक्त थी।इसमें 40% के करीब शेयर केंद्र सरकार के थे बाकी निजी अंशधारकों के पास थे।

👍आरबीआई का राष्ट्रीयकरण- 1 जनवरी 1949

प्रबंध संचालन

☺कुल सदस्य 20

 जिसमें 

*गवर्नर- 1

*डिप्टी गवर्नर 4 

*वित्त मंत्रालय का सरकारी अधिकारी - 1

*भारत सरकार द्वारा मनोनीत संचालक -10 

*स्थानीय बोर्ड के संचालक - 4

* मुख्य कार्यालय -मुंबई 

कार्य

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के कार्य को तीन भागों में बांटा जा सकता है 

1 केंद्रीय बैंक के रूप में कार्य 

इसके अंतर्गत बैंक की भूमिका व्यापक रूप में होती है 

👍यह नए नोटों का निर्माण करता है।

👍सरकार के बैंक के रूप में कार्य करता है ।

👍यह देश के सभी बैंकों के बैंक के रूप में और संकटकाल में अंतिम ऋण दाता के रूप में भूमिका निभाता है ।

👍यह सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर विदेशी विनिमय का क्रय विक्रय करता है।

👍मौद्रिक नीति के अंतर्गत साख नियंत्रण के लिए किए जाने वाले उपाय परिमाणात्मक नियंत्रण और गुणात्मक नियंत्रण दोनों ही इसके द्वारा किए जाते हैं 

अन्य कार्य 

👍आर्थिक आंकड़े और सूचनाएं इकट्ठा करता है।

👍मुद्रा का हस्तांतरण करता है ।

👍निर्यात को प्रोत्साहन देता है ।

👍और बैंकिंग शिक्षा से संबंधित कार्य करता है।

2 साधारण बैंकिंग से संबंधित कार्य 

👍निक्षेप स्वीकार करना- इसके अंतर्गत बैंक सरकार की ओर से निक्षेप को स्वीकार करता है इसके अतिरिक्त अन्य बैंकों के निक्षेप को भी स्वीकार करता है।

👍वाणिज्यिक बिलों का क्रय विक्रय करता है।

👍श्रेणी की प्रतिभूतियों का क्रय-विक्रय  करता है ।

👍सरकार के लिए आईएमएफ वर्ल्ड बैंक एशियन डेवलपमेंट बैंक से ऋण प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।

👍मूल्यवान धातुओं का क्रय विक्रय करना  करता है ।

👍कृषि बिलों का क्रय विक्रय करता है ।

3 विकास से संबंधित कार्य

इसमें बैंकिंग सुविधाओं का विस्तार, कृषि से संबंधित ऋण उपलब्ध कराना ,उद्योगों को साथ उपलब्ध करना, कीमत स्तर में स्थिरता बनाए रखना शामिल है।

आरबीआई द्वारा किए गए कार्यों का मूल्यांकन

👍वित्तीय समावेशन( financial inclusion )ग्रामीण क्षेत्र में बैंकिंग सुविधाओं का विस्तार किया गया ।

👍Cach benefit transfer  द्वारा वृद्धा पेंशन ,किसान सम्मान निधि योजना, विधवा पेंशन इत्यादि के अंतर्गत सरकारी सुविधाओं को जनता तक पहुंचाया गया| 

👍सस्ती मौद्रिक नीति द्वारा मूल्य स्थिरता को बनाए रखते हुए साख सृजन का कार्य किया गया।

👍COVID-19 के कारण मौद्रिक नीति के अंतर्गत जो परिमाणात्मक निर्धारित दरें हैं उनको स्थिर या कम करने का प्रयास किया गया।

👍सार्वजनिक ऋण ,सरकारी कोषों की सुरक्षा और सरकार की ओर से किए जाने वाले लेनदेन में इसका अच्छा सहयोग रहा।

👍कृषि से संबंधित अल्पकालीन और दीर्घकालीन ऋण उपलब्ध कराने में इसने महत्वपूर्ण योगदान दिया ।

👍वर्तमान में बहुत से बैंकों में हुए घोटालों के कारण जो क्षति हुई उन बैंकों के उत्थान के लिए उनका विलय अन्य  बैंकों में इसके द्वारा किया गया।

👍बैंक घोटालों और उसकी गैर निष्पादित संपत्तियों में वृद्धि को देखते हुए बैंकों की नई शाखाओं को खोलने पर आरबीआईद्वारा रोक लगा दिया गया ।

👍कुछ बैंक जो अपनी अच्छी साख और जमा के कारण लाभ की स्थिति में है उन्हें स्वतंत्र रूप से कार्य करने के लिए निजी स्वामित्व का रूप दे दिया गया।

चुनौतियां 

बैंकों की बढ़ती देनदारियों और ऋणों की वसूली आरबीआई के सामने सबसे बड़ी समस्या है।महामारी से जुझती अर्थव्यवस्था महंगाई के साथ-साथ सुस्त हो गई है। ऐसे में बैंक अपनी वनइंडिया बैंकिंग सिस्टम के अंतर्गत बैंकों का विलय कर रहा है ताकि आरबीआई द्वारा बनाए गए नियमों को अच्छे तरीके से बैंकों पर लागू किया जा सके और उन पर बेहतर नियंत्रण और निगरानी हो सके। वर्तमान संकट से निकलना आरबीआई और सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है।☺☺



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