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वित्तीय प्रणाली (Financial System)

पिछले ब्लॉग में हमने विकास बैंक के बारे में जाना। विभिन्न प्रकार के विकास बैंकों के बारे में विस्तार से चर्चा आने वाले ब्लॉक में होगी। इस ब्लॉग में हम वित्तीय प्रणाली की संक्षिप्त चर्चा करते हैं। बैंक वित्तीय प्रणाली के महत्वपूर्ण घटकों में से एक हैं । अतः वित्तीय प्रणाली की जानकारी आवश्यक है। 

हम जानते हैं कि वित्त अर्थव्यवस्था की धुरी होती है जिसके चारों और आर्थिक क्रियाएं चक्कर लगाती हैं । इन आर्थिक क्रियाओं में वित्त यानी फंड की महत्वपूर्ण भूमिका होती है जिसके द्वारा आर्थिक क्रिया संपन्न होती हैं । फंड का सृजन और इसके उपयोग वित्त की महत्वपूर्ण विशेषता होते हैं । इसके सृजन और उपयोग के लिए एक प्रणाली होती है जिसमें तीन लोग मुख्य भूमिका निभाते हैं जमाकर्ता, निवेशक और मांगकर्ता। इस प्रकार वित्तीय प्रणाली वह प्रणाली होती है जो  जमाकर्ता ,निवेशकर्ता ,मांगकर्ता के बीच फंड्स का आवागमन कराती है।

इसमें बहुत सी संस्थाएं सम्मिलित होती हैं जो समाज के बचत को इकट्ठा कर गतिमान करती हैंऔर विनियोग के लिए वित्तीय सेवाएं मुहैया करती हैं।

वित्तीय प्रणाली की विशेषता

☺यह अर्थव्यवस्था में तरलता को बनाए रखती है ।इसके लिए फंड्स को इकट्ठा कर उपयोगकर्ताओं को प्रदान किया जाता है।

उदाहरण ः

☺वाणिज्यिक बैंक द्वारा समाज की बचत को इकट्ठा कर फंड का निर्माण किया जाता है और निवेश कर्ताओं को या उद्योगों में पूंजी लगाने हेतु इसे ऋण के रूप उपलब्ध कराया जाता है। उद्योग स्थापित होने पर अर्थव्यवस्था गतिशील होती है और फंड्स के प्रवाह से अर्थव्यवस्था में तरलता भी बनी रहती है।

☺औद्योगीकरण को तीव्र करने के लिए उत्पादन और विपणन के लिए वित्त की आवश्यकता होती है जिसकी पूर्ति वित्तीय तंत्र द्वारा की जाती है।

☺यह सरकार के फंड प्राप्ति का भी एक माध्यम है ।

☺मुद्रा बाजार और पूंजी बाजार देश के वित्तीय प्रणाली के महत्वपूर्ण तंत्र होते हैं जो मुद्रा के प्रवाह को निर्बाध गति देते हैं
 
☺यह पूंजी निर्माण के महत्वपूर्ण शोध के रूप में कार्य करती है 

☺नई संपत्तियों के सृजन में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

वित्तीय प्रणाली के महत्वपूर्ण घटक

1 आरबीआई (नियामक) भारत में वित्तीय प्रणाली की सर्वोच्च मौद्रिक और बैंकिंग संस्था है। इसके बारे में संक्षिप्त परिचय पिछले ब्लॉक में दिया जा चुका है।

2 वित्तीय मध्यस्थ इसे दो वर्गों में विभाजित करते हैं बैंकिंग मध्यस्थ और गैर बैंकिंग मध्यस्थ।

☺बैंकिंग मध्यस्थ में वाणिज्य बैंक, सहकारी बैंक व अन्य बैंक खाते हैं 
☺गैर बैंकिंग वित्तीय मध्यस्थ में एलआईसी जीआईसी म्यूच्यूअल फंड इत्यादि आते हैं।

कैसी लगी संक्षिप्त जानकारी कमेंट जरूर करें।




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