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Money Market

 Money Market मुद्रा बाजार 

(मुद्रा बाजार का अर्थ, मद्रा बाजार की विशेषताएं, मुद्रा बाजार के कार्य,मुद्रा बाजार के अंग)

मुद्रा बाजार का अर्थ

 वित्त बाजार का वह भाग जहां अल्पकालीन प्रतिभूतियों का लेनदेन होता है या अल्पकालीन परिसंपत्तियों का क्रय विक्रय होता है मुद्रा बाजार कहलाता है।

 मुद्रा बाजार की विशेषताएं 

*मुद्रा बाजार एक अल्पकालीन बाजार होता है जिसकी अवधि 1 वर्ष से कम की होती है।
* इसमें अल्पकालीन ऋण ओं का लेनदेन होता हैः 
* इसमें अल्पकालीन ऋण के लिए जिन प्रतिभूतियों या परिसंपत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है उनके अलग-अलग उप बाजार होते हैं।
* यह उद्योगों को कार्यशील पूंजी के लिए धन प्रदान करता है।
*अल्पकालीन ऋण की अवधि 14 दिन 91 दिन और 364 दिन तक के होते हैं।
* मुद्रा बाजार एक ऐसा बाजार होता है जिसके माध्यम से अधिशेष धन घाटे वाले क्षेत्रों में जाते हैं ताकि अस्थाई तरलता के संकट से निपटा जा सके।
 *भारत में दो मुद्रा बाजार केंद्र कोलकाता और मुंबई में है जिन्हें नेशनल मनी मार्केट कहा जाता है।अबअहमदाबाद का स्थान आ रहा है।
*इस बाजार में दलाल का कोई योगदान नहीं होता है।

मुद्रा बाजार के कार्य
*मुद्रा बाजार व्यवसाय निजी संस्थाओं अन्य वित्तीय संस्थाओं गैर वित्तीय संस्थाओं को अल्पकालीन कोर्स उपलब्ध कराता है।
* अतिरिक्त निधियों निधियां जो मुद्रा बाजार में उपलब्ध होती हैं उनका लाभकारी उपयोग मुद्रा बाजार के माध्यम से उपलब्ध होता है।
*यह निधियां बैंक अन्य वित्तीय संस्थाओं व्यवसायिक निगम राज्य व स्थानीय सरकारों द्वारा उपलब्ध कराई जाती हैं ।
*मुद्रा बाजार अल्पकालीन विधियों को एक बाजार से दूसरे बाजार में भेजने के लिए सस्ता और सुविधा उपलब्ध कराता है 
*एक विकसित मुद्रा बाजार  मुद्रा बाजार को केंद्रीय बैंक अपनी मौद्रिक नीतियों के विभिन्न उपकरणों द्वारा प्रभावित करता है जिससे मुद्रा की आपूर्ति और मांग में स्थिरता बनी रहती है ।
*मुद्रा बाजार में अल्पकालीन विधियों का लेनदेन होता है जहां वचतो का निवेश भी होता है इसलिए निवेश द्वारा प्राप्त संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग किया जाता है।

मुद्रा बाजार के अंग 
संगठित मुद्रा बाजार ,असंगठित मुद्रा बाजार और उप बाजार

संगठित मुद्रा बाजार (Organized Money Market)
इसमें आरबीआई शीर्ष संस्था होती है जिसके अधीन राष्ट्रीय कृत बैंक एसबीआई अनुसूचित और गैर अनुसूचित बैंक आते हैं।

असंगठित मुद्रा बाजार (unorganized matket)
इसमें देसी बैंकर ,महाजन ,साहूकार ,चिटफंड आदि आते हैं ।

उप बाजार 
इसके अंतर्गत अल्पसाख सूचना बाजार ,व्यापारिक बिल बाजार, वाणिज्य पत्र बाजार, जमा पत्र बाजार, अंतर बैंक भागीदारी प्रमाण पत्र आते हैं।

यहां ध्यान देने वाली बात है हमने पिछले ब्लॉक में संगठित बाजार के अंतर्गत आने वाले कुछ संस्थाओं के बारे में बताया है और असंगठित बाजार के बारे में आने वाले ब्लॉक में चर्चा होगी ।अभी उप बाजारों  की संक्षिप्त जानकारी हम ले लेते हैं।

अल्प सूचना बाजार(Call Money Market)
इस बाजार में अल्पकालीन निधियों की अवधि 14 दिनों तक की होती है यह पूर्णता तरल होता है इस बाजार में उपलब्ध प्रतिभूतियां नकद के लगभग बराबर होती हैं जिस दर पर बाजार में को सुधार दिया या लिया जाता है उसे अल्प सूचना साख दर का जाता है।

व्यापारिक बिल बाजार(Commercial Bill Market)
इसमें अल्पकालीन व्यापारिक दिलों का क्रय विक्रय होता है ।व्यापारिक बिल में लिखने वाला व्यक्ति द्वारा जारी किया जाता है। इसमें किसी वाहक को या आदेशित व्यक्ति  को वह मुद्रा की निश्चित राशि के भुगतान का आदेश होता है ।दूसरे शब्दों में विनिमय बिल एक लिखित आदेश होता है जिसमें ऋणदाता ऋणी को मुद्रा की एक निश्चित रकम स्वयं को या आदेशित व्यक्ति को या वाहक को भुगतान  करने का आदेश देता है।

कार्य की दृष्टि से बिल बाजार का विभाजन

*प्रचलित बाजार 
इसमें दलाल बट्टा करने वाले व्यापारी या कंपनियों से सौदा तय करते हैं और कमीशन लेते हैं ।

*बिल ब्रोकर 
यह कंपनियां खुद ही बिलों का बट्टा करती हैं ।

*बट्टा कंपनियां
यह व्यापारियों से डिस्काउंट पर बिलों को खरीदकर उन्हें पूंजी प्रदान करते हैं।

*स्वीकृति बाजार
 इस बाजार में अल्पकालीन बिलों पर वित्तीय मध्यस्थों की स्वीकृति होती है जिन पर स्वीकृति मध्यस्थों द्वारा दे दी जाती है उनकी साख और विनिमय सध्यता बढ़ जाती है और उनकी पुनर्टौती भी आसानी से हो जाती है।

Note
         
विनिमय बिल के पक्षकार
 बिल लिखनेवाला, बिल स्वीकार करने वाला और जिसे बिल की रकम का भुगतान किया जाता ह

बिल की विशेषता 
यह एक लिखित आदेश होता है ।
यह शर्त रहित आज्ञा पत्र होता है ।
इस पर ऋणी के हस्ताक्षर होते हैं। इसपर एक निश्चित रकम लिखी होती है ।
रकम का भुगतान किसी व्यक्ति या वाहक को किया जाता है।

बिल बाजार की कमियां
यह कृषि संबंधी आवश्यकताओं से कोई मतलब नहीं रखते हैं।
 ऋणऔर बिल की रकम की न्यूनतम सीमा निर्धारित होने के कारण छोटे बैंक इस योजना से लाभ नहीं उठा सकते ।
देसी बैंकर और  गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाएं बिनिमय में बिल से संबंधित कार्य नहीं करते हैं इनके द्वारा सामान्यता मुद्रा बाजार से ही साख सृजन होता है}

ट्रेजरी बिल बाजार
ट्रेजरी बिल बाजार में ट्रेजरी बिलों का क्रय विक्रय होता है।

ट्रेजरी बिल 
यह एक सरकारी प्रतिभूति होती है जिसे आरबीआई द्वारा एक प्रतिज्ञा पत्र के रूप में जारी किया जाता है जिसमें निश्चित तिथि पर एक रकम आरबीआई द्वारा भुगतान की गारंटी दी जाती है।
विशेषता 
यह एक वित्तीय उपकरण है जिसे अंकित मूल्य से कम मूल्य पर ही आरबीआई द्वारा निर्गत किया जाता है किंतु परिपक्वता की अवधि पूर्ण होने पर अंकित मूल्य के बराबर भुगतान किया जाता है। 

भारत में दो प्रकार के ट्रेजरी बिल होते हैं तदर्थ और सामान्य।
 तदर्थ बिलों के प्रयोग की अनुमति राज्य सरकारों और शासकीय विभागों और  देशों के केंद्रीय बैंक को ही है।

ट्रेजरी बिल आरबीआई द्वारा सरकार के एजेंट के रूप में कोष प्राप्त ने के लिए जारी किया जाता है जबकि व्यापारिक बिल निजी वित्तीय संस्था के द्वारा कोस प्राप्त करने के लिए जारी किया जाता है।

वाणिज्य पत्र बाजार(commercial Bill Market)
यह असुरक्षित विनिमय साध्य अल्पकालीन प्रतिज्ञापत्र होते हैं जिनकी एक निश्चित परिपक्वता तिथि होती है विशेषता यह अल्पकालीन प्रतिज्ञापत्र होता है इस प्रपत्र की जिम्मेदारी जारीकर्ता वाणिज्य बैंक तक ही सीमित होती है या अंकित मूल्य से कम मूल्य पर जारी किया जाता है इसकी परिपक्वता की अवधि 3 महीने से 6 महीने तक की होती है इस पर एक निश्चित ब्याज दर होता है इसे खुले रूप में हस्तांतरित नहीं किया जा सकता है ।

वाणिज्य पत्रों का महत्व 

*कम ब्याज दरों पर कंपनी को ऋण प्राप्त हो जाता है।

*खुले बाजार प्रतियोगिता द्वारा बैंकों को ऋण दरों में 
 कमी करना पड़ता है।

*उद्योग जगत को ऋण प्राप्त करने में और उनकी व्यवस्था के एक भाग के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

जमा प्रमाण पत्र (Certificate of Deposits)
जमा प्रमाण पत्र बैंकों द्वारा सावधि जमा के स्वामित्व के लिए निर्धारित किया जाता है 

विशेषता 
*यह अंकित मूल्य से कम उस पर जारी किया जाता है परिपक्वता पर अंकित मूल्य धारक को भुगतान किया जाता है ।
*इसकी परिपक्वता अवधि 30 दिन से 1 वर्ष तक की होती है इस पर स्टांप  ड्यूटी देय हैः।
*अंतरराष्ट्रीय बाजार में जारी करने पर इसे यूरो प्रमाण पत्र कहा जाता है।






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