SIDBI भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक
*स्थापना और कार्य प्रारंभ 1990
*इसने आईडीबीआई बैंक के स्वामित्व के आधीन सहायक बैंक के रूप में कार्य करना प्रारंभ किया।
*यह भारत सरकार वित्त मंत्रालय के अंतर्गत संचालित होता है।
* इसका मुख्य कार्यालय लखनऊ में है ।
*आरबीआई द्वारा इसका विनियमन और पर्यवेक्षण किया जाता है
उद्देश्य
*राज्यों में विशेषकर पिछड़े क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर औद्योगिक विकास करना।
*औद्योगिक उपक्रम (सूक्ष्म लघु और मध्यम )का प्रवर्तन करना और उनके प्रबंधन से संबंधित सलाह देना
*उपक्रमों को वित्तीय सहायता प्रदान करना ।
*औद्योगिक उपक्रमों के लिए आधारभूत सहायता जैसे भवन ,विद्युत, संयंत्र ,प्लांट ,मशीनरी आदि की व्यवस्था देना ।
*नए उद्यमियों के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था करना।
* नयी परियोजनाओं पर विचार कर उसे वित्त प्रदान करना।
प्रबंध
इस निगम की स्थापना कंपनी अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत कुछ हद तक हुई है फिर भी कुछ राज्यों में विधान मंडल द्वारा विशेष बिल लाकर इसे राज्य स्तरीय वैधानिक दर्जा दिया गया है ।
राज्य स्तरीय संस्था का पूर्ण स्वामित्व राज्यों के अधीन होता है और उसके पूंजी का विनियोजन भी राज्य सरकारें करती हैं।
संचालक मंडल के सदस्यों का चयन भी राज्य सरकारों द्वारा ही होता है।
SIDBI का सबसे बड़ा अंश धारक SBI है जो लगभग 17% अंशो का धारक है ।
*SIDBIके अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक
श्री शिवसुब्रमण्यम रमन हैं ।
*संचालक मंडल के सदस्यों की संख्या 10 है।
SIDBI के कार्य
*लघु और मध्ययम उद्योगों को स्थापित करने के लिए प्लांट और मशीनरी में निवेश करने के लिए जिनकी राशि ₹10करोड़ से कम हो 30 लाख से ज्यादा इकाइयों का सहयोग किया गया।
*लगभग दो करोड़ लोगों को रोजगार दिया गया है
*निर्यात में भागीदारी 35% के आसपास है ।
*औद्योगिक विनिर्माण क्षेत्र में 40% के आसपास है।
*बैंक की संपत्तियों में वृद्धि 2020 के अंत तक 1,87,540 करोड रुपए की है जो 2019 की तुलना में 20% ज्यादा है।
*ऋणों में वृद्धि भी 2019 की तुलना में 21% ज्यादा है।
*शुद्ध लाभ 2020 में 2314.5 करोड रुपए है.☺😊
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