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जोखिम पूंजी Venture Capital

साहस पूंजी  
Venture capital

साहस पूंजी दो शब्दों से मिलकर बना है साहस और पूंजी।साहस  का अर्थ जोखिम उठाना होता है और पूंजी का अर्थ संसाधनों में लगे कोषों से है । 
इस प्रकार साहस पूंजी का तात्पर्य किसी उद्योग में नई परियोजना के शुरू करने हेतु कोषों के प्रवाह से है जिस पर प्राप्त लाभ और हानि की संभावना अनिश्चितता ओं से भरी होती हैं।
 एक उद्योग को लगाने के लिए या नई  कंपनी की स्थापना के लिए या मौजूद उद्योग में नई परियोजनाओं पर काम करने के लिए जोखिम पूंजी की आवश्यकता होती है जिसे प्राप्त करना उद्यमी के लिए काफी कठिन कार्य है ।यह पूंजी निवेशकों के लिए जोखिम के साथ अप्रत्याशित लाभ या हानि से जुड़ा होता है। साहस पूंजी का अधिकतर भाग सामान्य अंश द्वारा प्राप्त किया जाता है पूंजी का कुछ भाग ही ऋणों से प्राप्त होता है । साहस पूंजी को सृजनात्मक पूंजी भी कहा जाता है क्योंकि इसके द्वारा आर्थिक क्रियाओं का सृजन किया जाता है ऐसी संभावना व्यक्त की जाती है ।
इसके उपयोग हेतु काफी चतुराई की आवश्यकता होती है। किसी कंपनी के दीर्घकालीन जीवन के लिए जोखिम पूंजी के उपयोग की आवश्यकता होती है।

साहस पूंजी की मुख्य विशेषता 

1 साहस पूंजी किसी भी उद्योग के इकाई के लिए आवश्यक होता है ।

2 किसी फर्म द्वारा नए परियोजना पर काम करने के लिए विश्वास पूंजी की आवश्यकता होती है।
 
3 साहस पूंजी अनिश्चितता और जोखिम से भरा होता है कोसों के उपयोग को लेकर।
 
4 साहस का उद्देश्य लाभ कमाना होता है लेकिन हानि भी हो सकती है।
 
5 साहस पूंजी द्वारा प्राप्त लाभ या हानि अप्रत्याशित होते हैं ।

6 साहस पूंजी का उपयोग छोटे और मध्यम दर्जे के उद्योगों के लिए किया जाता है ।

7 यह मांग पर् देयनहीं होता है जैसा ऋणों के संबंध में होता है।

साहस पूंजी का क्षेत्र
एक परियोजना के विकास की विभिन्न अवस्थाओं में जोखिम पूंजी की आवश्यकता होती है जो विभिन्न रूपों में होती है

1 परियोजना की पहली अवस्था इसमें परियोजना की शुरुआत के लिए प्रारंभिक पूंजी की आवश्यकता होती है जिसमें जोखिम पूंजी का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसे बीज पूंजी भी कहा जाता है 

2 परियोजना का क्रियान्वयन पर योजना को कार्यान्वित रूप देने के लिए भी साहस पूंजी आवश्यक होता है ।

3 उड़ान की अवस्था कोई व्यवसाय ईकाइ जब तेजी से उत्पादन करती है तो विपणन की व्यवस्था के लिए अतिरिक्त कोषों की आवश्यकता होती है जिसमें साहस पूंजी का योगदान होता है।

4 स्थापित अवस्था इस के अंतर्गत फर्म एक बार बाजार में स्थापित हो जाती है तो इसे विस्तार और इसके विविधीकरण के लिए उसकी आवश्यकता होती है जिसकी पूर्ति व्यवसाय स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से करता है क्योंकि बाजार में स्थापित होने के बाद इसका पंजीयन हो जाता है और इसे साहस पूंजी प्राप्त करने के लिए विभिन्न रास्ते मिल जाते हैं।

साहस पूंजी के स्रोत
1 समता 
2 ऋण
3 आय नोट

1 समता
समता से तात्पर्य फॉर्म के शुरुआती व्यवस्था के लिए जोखिम उठाने वाले निवेशक की फर्म में हिस्सेदारी या उसके स्वामित्व से है जो फार्म के शुरू करने के पश्चात उस से प्राप्त होने वाले लाभ के रूप में प्राप्त होता है ।

2ऋण
यह रॉयल्टी के रूप में पुनर भुगतान योग्य होता है जब परियोजना विक्रय का सृजन करने लगती है साहस पूंजी द्वारा प्राप्त रॉयल्टी 2 से 15% तक हो सकती है कुछ फंड्स रॉयल्टी की तुलना में ज्यादा भुगतान का विकल्प भी देते हैं।

 3 आय नोट 
इसमें उद्यमी को ब्याज के साथ-साथ विक्रय पर भी रॉयल्टी चुकाना पड़ता है फंड असुरक्षित ऋण के रूप में विभिन्न विकास चरणों में 9% ब्याज पर उपलब्ध कराए जाते हैं और विक्रय पर रॉयल्टी भी उपलब्ध कराई जाती है।
भारत में साहस पूंजी उपलब्ध कराने वाली संस्थाएं
A अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाओं द्वारा प्रवर्तित कंपनियां 
1आईडीबीआई का साहस पूंजी डिवीजन 
2 जोखिम पूंजी एवं टेक्नोलॉजी वित्त निगम लिमिटेड आईडीबीआई 
3भारतीय टेक्नोलॉजी विकास एवं सूचना कंपनी लिमिटेड (आईसीआईसीआई और यूपीआई द्वारा स्थापित) 

B राज्य वित्त निगम द्वारा प्रवर्तित कंपनियां 
1 गुजरात वेंचर फाइनेंस लिमिटेड 
2 आंध्र प्रदेश औद्योगिक विकास निगम 

C बैंक द्वारा प्रवर्तित कंपनियां 
केनरा बैंक बैंक शेयर कैपिटल फंड 
2 एसबीआई वेंचर कैपिटल फंड 
3 भारतीय विनियोग फंड 
4 इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग

D निजी क्षेत्र की कंपनियां 
1इंडस वेंचर कैपिटल फंड
2 20 सेंचुरी वेंचर और 
3 वेंचर कैपिटल फंड देसाई

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