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अंकेक्षण और अनुसंधान में अंतर

सामान्य तौर पर अंकेक्षण और अनुसंधान को एक ही समझा जाता है जबकि दोनों में अंतर है .
 पुस्तकों की सामान्य जांच अंकेक्षण के अंतर्गत आती है जिसके द्वारा यह पता लगाया जाता है की पुस्तकें सही तरीके से रखी गई हैं या नहीं लाभ हानि खाता व्यवसाय के सही लाभ को प्रदर्शित करता है या नहीं और बैलेंस शीट संस्था के सही वित्तीय स्थिति को प्रदर्शित करती है या नहीं

अनुसंधान

यह व्यवस्था एक पुस्तकों की गहन जांच होती है जो किसी निश्चित उद्देश्य से की जाती है. अनुसंधान का कार्य कुछ वर्षों से संबंधित हो सकता है और व्यवसाय के द्वारा केवल उन्हीं खातों की जांच कराई जाती है जिससे विशेष उद्देश्य की पूर्ति हो सके .


अंकेक्षण और अनुसंधान में अंतर

1 अंकेक्षण लेखा पुस्तकों की सामान्य जांच है जबकि अनुसंधान लेखा पुस्तकों की गहन जांच है.

2 अंकेक्षण का कार्य सामान्यतः वार्षिक होता है जबकि अनुसंधान का कार्य 1 वर्ष से ज्यादा का हो सकता है.

3 अंकेक्षण का कार्य व्यापक होता है क्योंकि यह व्यवसाय की समस्त पुस्तकों से संबंधित जांच से जुड़ा होता है जबकि अनुसंधान का कार्य एक निश्चित उद्देश्य की पूर्ति से जुड़ा होता है जिसमें केवल उन्हीं पुस्तकों को शामिल किया जाता है जिसकी आवश्यकता होती है.

4 लेखांकन की समाप्ति के बाद अंकेक्षण का कार्य शुरू होता है जबकि अंकेक्षण के खत्म होने के बाद अनुसंधान कार्य शुरू होता है .

5 अंकेक्षण का कार्य संस्था द्वारा कराया जाता है जबकि अनुसंधान का कार्य संस्था और बाहरी पक्षकार दोनों के द्वारा कराया जाता है 

6अंकेक्षण कंपनियों के लिए अनिवार्य होता है जबकि अनुसंधान  का कार्य ऐfच्क्षक ।

7अंकेक्षण का कार्य अंकेक्षक द्वारा कराया जाता है जब कि अनुसंधान का कार्य अंकेक्षक या लेखापाल दोनों में से कोई भी कर सकता है ।

8 अंकेक्षण प्रमाणों पर आधारित होता है जबकि अनुसंधान प्रमाणकों  के अतिरिक्त अन्य प्रपत्रों पर आधारित होता है ।

9 अंकेक्षण करते समय यह नहीं पूछा जाता है कि अनुसंधान हो चुका है या नहीं किंतु अनुसंधान करते समय यह अवश्य पूछा जाता है कि अंकेक्षण कब हुआ और किसने किया।

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