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गबन क्या है


ऐसी अशुद्धियां जो जानबूझकर एक नियोजित तरीके से संस्था के स्वामी को धोखा देने या हानि पहुंचाने के उद्देश्य से लेखों में की जाती हैं गबन कहलाता है.

इसे दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है 

1 स्वामी के सहमति से किया जाने वाला गबन 
2 बिना स्वामी के सहमति से किया जाने वाला गबन 

1 स्वामी की सहमति से किया जाने वाला गबन 

क इसमें वास्तविक लाभ से अधिक लाभ दिखाना, 
ख वास्तविक लाभ से कम लाभ दिखाना शामिल होते हैं.

क वास्तविक लाभ से अधिक लाभ दिखाना 

इसके पीछे स्वामी के निम्न उद्देश्य होते हैं 
अंशो के बाजार मूल्य में वृद्धि करना, संस्था के कार्य कुशलता को बढ़ाना ,ख्याति में वृद्धि करनाऔर काले धन को सफेद धन में बदलना

ख वास्तविक लाभ से कम लाभ दिखाना 

इसका उद्देश्य होता है .
अंशो का बाजार मूल्य कम करना और संस्था के ही अधिकारी द्वारा ज्यादा अंशों को खरीद लेना.
गुप्त संचयो को बढ़ाना ,करो में सरकार द्वारा रियायत प्राप्त करना और सरकार द्वारा दिए जाने वाले आर्थिक सहायता को प्राप्त करना.

लेखांकन में गड़बड़ी करने के तरीके

संस्था की संपत्तियों को कम या बढ़ा कर दिखाना जिससे कि संस्था के लाभ को ज्यादा या कम किया जा सके. 

स्टॉक के मूल्य को बढ़ा या घटा कर दिखाना जिससे लाभ को बढ़ाया या घटाया जा सके.

वास्तविक व्ययों के जगह काल्पनिक व्ययों को दिखाना .

संपत्तियों या दायित्वों के मूल्य को बढ़ाकर या घटा कर दिखाना. 
पूर्व में प्राप्त आय को चालू वर्ष की आय बताना या उपार्जित आय को चालू वर्ष में नहीं दिखाना.

जांच की विधी 
1 अंकेक्षक को गहन और पूर्ण तौर पर जांच के लिए उच्च अधिकारियों से पूछताछ करनी चाहिए 
2 उसके द्वारा किया जाने वाला कार्य पूर्ण चतुराई  कार्य- कुशलता और अनुभव पर आधारित होना चाहिए .
3 संतोषजनक आंतरिक निरीक्षण की प्रथा अपनाई जानी चाहिए .
4 पिछले वर्षों के संचय और मूल्यांकन का ज्ञान प्राप्त कर लेना चाहिए 
5 विभिन्न अधिकारियों के दायित्व कर्तव्यों की जांच करनी चाहिए गबन की जांच करने से पहले संस्था के गठन के वैधानिक तरीके को देख लेना चाहिए.
6 व्यवसाय की प्रकृति के अनुसार संस्था काम कर रही है नि या नहीं इसको भी देख लेना चाहिए.

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