अंकेक्षण कार्यक्रम अंकेक्षक के कार्यप्रणाली की एक रूपरेखा है जो विस्तृत रूप से लिखी हुई होती है. इसी के अनुसार अंकेक्षक अपना कार्य निष्पादन करता है . चुकी अंकेक्षक कार्य करने से पहले अपना कार्यक्रम लिखित रूप में पूर्व में ही बनाता है इसलिए इसे अंकेक्षण कार्यक्रम कहते हैं.
अंकेक्षण कार्यक्रम की विशेषताएं
1 अंकेक्षण कार्यक्रम एक लिखित कार्यक्रम होता है .
2 अंकेक्षण कार्यक्रम में प्रत्येक मत स्पष्ट रूप से लिखे होते हैं. इसमें अंकेक्षक अपने कर्मचारियों को वह सूचनाएं भी देता है जिसका अंकेक्षण के दौरान महत्वपूर्ण योगदान होता है.
3 अंकेक्षण कार्यक्रम का विभाजन इस प्रकार से किया जाता है कि अब उनके क्षण कार्य करने वाले कर्मचारी उन कार्यों को का निपटान अच्छे तरीके से कर सकें.
4 अंकेक्षण कार्यक्रम लोचदार तरीके से बनाया जाता है जिन्हें आवश्यकता पड़ने पर बदला जा सके या समय के अनुसार उस में परिवर्तन लाया जा सके.
5 कार्य क्षेत्र के आधार पर अंकेक्षण कार्यक्रम इस प्रकार होना चाहिए कि उसमें समय और धन का दुरुपयोग नहीं हो.
6 अंकेक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत अंकेक्षक अपने कर्मचारियों के बीच कार्यों का बंटवारा इस प्रकार से करता है कि उनके उत्तरदायित्व का स्पष्ट निर्धारण हो और अंकेक्षण कर्मचारी कार्य को अच्छे तरीके से संपादित करें.
7 अंकेक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कार्य का सुचारु ढंग से निष्पादन करवाना कार्य में एकरूपता लाना और किसी लेनदेन की जांच केना छुटने से है.
8 एक अच्छे अंक शिक्षण कार्यक्रम में कर्मचारियों के लिए हस्ताक्षर तारीख व कार्य के लिए अलग-अलग कॉलम होने चाहिए.
8 अंकेक्षण कार्यक्रम की समय-समय पर जांच होनी चाहिए जिससे इस में होने वाली कमियों के बारे में पता चल जाए और उसे दूर किया जा सके.
अंकेक्षण कार्यक्रम के उद्देश्य
1अंकेक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य यह विश्वास दिलाना है कि कार्य का निष्पादन समुचित तरीके से हुआ है.
2 प्रत्येक कर्मचारी ने अपने उत्तरदायित्व का निर्वाह अच्छे तरीके से किया है.
3 प्रत्येक कर्मचारी और उसके कार्यों के प्रति अंकेक्षक सतर्क रहा है .
4 कार्य विभाजन के दौरान जो गड़बड़ियां हुई हैं उन गड़बड़ियों को ढूंढ कर उसे दूर करने का प्रयास किया गया है
5 मार्गदर्शन और अंकेक्षण प्रतिवेदन तैयार करने में सहायक होता है.
अंकेक्षण कार्यक्रम के लाभ
1कुशल व्यक्तियों द्वारा कार्य का निष्पादन होने से त्रुटियों और छल कपड़ों को ढूंढना आसान हो जाता है और इनके छूटनेकी संभावना समाप्त हो जाती है .
2 कार्य की प्रगति की रिपोर्ट दिन प्रतिदिन मिलती रहती है.
3 कर्मचारियों की कार्य क्षमता में वृद्धि होती है .
4 कार्ययोजना के अनुसार होते हैं
5 समय की बचत होती है .
6 कार्य में एकरूपता होती है
7अंकेक्षण के सिद्धांतों का पालन होता है .
8न्यायालय में साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है.
9 यह भावी अंकेक्षण के लिए योजना का आधार होता है.
अंकेक्षण कार्यक्रम के दोष
1 कार्य में नीरसता होती है क्योंकि अंकेक्षण का कार्य पूर्व निर्धारित तरीके से किया जाता है और कर्मचारी को अपने कार्यों की सीमा पता होती है इसलिए वह यंत्र वत काम करता है .
2 कर्मचारियों पर नैतिक प्रभाव का अभाव होता है इसलिए अंकेक्षण के क्रियाओं की पूर्ण जानकारी होने के कारण वह छल कपट को प्रश्रय देते हैं.
3 योग्य कर्मचारियों को कम प्रोत्साहन मिलता है क्योंकि यंत्र वत कार्य करने के चलते वह कर्मचारी अपनी योग्यता का प्रदर्शन नहीं कर पाते .
4 अंकेक्षण कार्यक्रम छोटे व्यवसाय के लिए खर्चीला होता है.
5 अंकेक्षण कार्यक्रम अंकेक्षक द्वारा बनाया जाता है इसलिए इसमें कर्मचारियों को व्यक्तिगत निर्णय लेने की कोई आजादी नहीं होती है.
6 प्रत्येक संस्था के लिए अंकेक्षक अलग-अलग कार्यक्रम तैयार करता है जिससे समय की बर्बादी होती है अंकेक्षण कार्यक्रम कम आयु के कर्मचारियों के द्वारा बनाए जाने पर हमेशा छल कपट का भय बना रहता है.
होम्स के अनुसार
एक लोचदार योजनाबद्ध जांच की प्रक्रिया को अंकेक्षण कार्यक्रम कहा जाता है.
स्टैटलर के अनुसार
नियोक्ता के वित्तीय विवरणों के विषय में राय बनाने हेतु पालन की जाने वाली समस्त क्रियाओं की रूपरेखा को अंकेक्षण कार्यक्रम कहा जाता है.
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