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merchant banking

13वीं शताब्दी में यूरोप में कुछ व्यापारिक परिवारों द्वारा वस्तुओं के क्रय विक्रय और प्रबंध से संबंधित कार्य किए जाते 
थे . इनके द्वारा बैंकिंग के कार्य भी किए जाते थे. यह राजाओं के बैंकर का कार्य भी करते थे और तटवर्ती क्षेत्रों में व्यापार के लिए वित्तीय सहायता भी देते थे .इस प्रकार 13वीं शताब्दी में  Merchant Bank उद्भव हुआ. 

मर्चेंट बैंकिंग

मर्चेंट बैंकिंग के अंतर्गत ऐसे संस्थाओं के कार्य आते हैं जो कर्पनियों के लिए प्रतिभूतियां लेते हैं ,विलय और अधिग्रहण से संबंधित कार्य करते हैं, अभिगोपन से संबंधित कार्य करते हैं, क्रेडिट कार्ड जारी करते हैं ,लघु स्तरीय उद्योगों के लिए धन की व्यवस्था करते हैं ,बीमा, वित्तीय परामर्श ,पोर्टफोलियो प्रबंधन ,जोखिम पूंजी से संबंधित कार्य करते हैं.

 Merchant Bank द्वारा दी जाने वाली सेवाएं


1 corporate  परामर्श 

 Merchant Bank कारपोरेट इकाइयों को समय-समय पर व्यापारिक कार्यों के लिए परामर्श देते हैं ताकि उनके कार्यों में सुधार होता रहे और निवेशकोंकीदृष्टिमेंकारपोरेट की छवि अच्छी बनी रहे जिससे इनके प्रतिभूतियों का बाजार मूल्य बढ़ सके.

2 प्रोजेक्ट से संबंधित सलाह देना

इसके अंतर्गत व्यवसाय के लिए संभावित प्रोजेक्ट और उसके कार्यान्वयन के लिए उठाए जाने वाले कदम पर परामर्श दिया जाता है जिसमें प्रोजेक्ट लागत का अनुमान, वित्तीय साधनों और विभिन्न प्रकार के प्रतिभूतियों की संरचना, प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन के लिए वैधानिक पक्षों का गठन और सरकार द्वारा प्रोजेक्ट की सहमति से प्रदान करने से संबंधित कार्य किया जाता है.

3 कंपनी के विलय और हस्तांतरण का प्रबंध करना 

इसके अंतर्गत निगम में विलय और हस्तांतरण से संबंधित कार्यों का निष्पादन मर्चेंट बैंकों के द्वारा किया जाता है. दो या दो से अधिक कंपनियों के विलय के लिए या एक कंपनी द्वारा दूसरे कंपनी के अधिग्रहण के लिए इन बैंकों द्वारा आवश्यक सेवाएं दी जाती हैं जिसके बदले में  एक निश्चित फीस ली जाती हैं.

4 प्रतिभूतियों के निर्गमन का प्रबंधन करना 

प्रतिभूतियों के निर्गमन से संबंधित कार्यों में निम्न सेवाएं सम्मिलित की जाती हैं
 प्रोस्पेक्टर्स तैयार करना , निर्गमन की योजना बनाना और बजट तैयार करना ,ब्रोकरेज अभिगोपन से संबंधित समझौते करना, प्रतिभूतियों के निर्गमन के लिए विज्ञापन देना , स्टॉक एक्सचेंज में प्रतिभूतियों को सूचीबद्ध करने में सहायता करना ,बोनस इश्यू या नए इश्यू  के संबंध में सलाह देना .

5 कंपनी के पूंजी पुनर्गठन से संबंधित सेवाएं

इसके अंतर्गत निम्न प्रकार की सेवाएं आती हैं 
कंपनी के मेमोरेंडम ऑफ कंट्रोलर ऑफ़ कैपिटल इश्यू को तैयार करना और उसकी सहमति प्राप्त करने में सहायता करना .
बीमार इकाइयों के पूंजी संरचना का सुझाव देना .
फॉरेन एक्सचेंज रेगुलेशन एक्ट द्वारा संचालित कंपनियों को पूंजी निर्माण में सहायता प्रदान करना है.

6 लोन सिंडिकेशन का कार्य करना

 इसके अंतर्गत मर्चेंट बैंक ऋणदाता और वित्तीय संस्थाओं से वित्तीय सहायता के लिए ऋण आवेदनों से संबंधित पार्टी की सहायता करते हैं .इसके लिए आवश्यक वैधानिक दस्तावेजों  से संबंधित औपचारिकताओं की पूर्ति के लिए भी पार्टी की सहायता करते हैं. 

7.पोर्टफोलियो प्रबंधन  

इसके अंतर्गत मर्चेंट बैंक निवेशकों को निवेश निर्णय से संबंधित परामर्श देते हैं की विभिन्न प्रतिभूतियों में कितनी राशि का निवेश हो इसमें निवेश के उद्देश्य निवेश पर लगने वाले टैक्स और रिटर्न को ध्यान में रखा जाता है .

8 पट्टे की सेवाएं

 मर्चेंट बैंक पट्टे के लिए संपत्ति और वित्त की सुविधाएं प्रदान करते हैं पट्टा संपत्ति के स्वामी और प्रयोग करता के बीच के निश्चित समय अवधि के लिए समझौता होता है जिसमें संपत्ति का प्रयोग करता स्वामी को रेंट देता है 

9 तकनीकी और वित्तीय सहयोग 

तकनीकी और वित्तीय सहायता के रूप में यह निगमों को आवश्यकतानुसार तकनीकी में परिवर्तन करने हेतु विशेषज्ञों के रूप में सलाह देते हैं और इससे संबंधित संयंत्रों के लिए वित्तीय सहायता की व्यवस्था करते हैं.

10 म्युचुअल फंड को संचालित करना 

यह निवेशकों से प्राप्त कोषों को विभिन्न प्रकार के प्रतिभूतियों में इस प्रकार निवेश करते हैं जिससे जोखिम कम हो और निश्चित रिटर्न भी मिलता रहे . इसके लिए म्यूच्यूअल फंड का संचालन  किया जाता है.

मर्चेंट बैंकर के उत्तरदायित्व

1 प्रतिभूति बाजार के साथ जुड़ाव 

सेबी द्वारा मर्चेंट बैंकर को प्रतिभूति बाजार में व्यापार करने का प्रमाण पत्र दिए जाने पर प्रतिभूति बाजार के कार्यों के अलावा वह अन्य प्रकार के  प्रतिभूतियों के व्यापार कार्य नहीं कर सकता है.

2 लेखा पुस्तकों से संबंधित रिकॉर्ड तैयार करना 

इसके अंतर्गत मर्चेंट बैंकर लेखा लेखांकन से संबंधित रिकॉर्ड और दूसरे अन्य दस्तावेज तैयार करता है जिसमें बैलेंस शीट संबंधित अवधि का लाभ हानि खाता है इनके ऑडिट रिपोर्ट निर्गमन प्रबंध के प्री इशू और पोस्ट ईशु से संबंधित दस्तावेज और रिकॉर्ड सम्मिलित होते हैंजिसकी सूचना और तैयार करने का स्थान sebi को बताना पड़ता है.

3 छमाही परिणाम को प्रस्तुत करना 

मर्चेंट बैंकर के पूंजी की पर्याप्त मात्रा की जानकारी प्राप्ति हेतु सेबी इसके अर्धवार्षिक ऑन ऑडिटेड वित्तीय परिणामों की जांच कर सकता है और इस संदर्भ में मर्चेंट बैंकर को अनऑडिटेड फाइनेंशियल स्टेटमेंट को सेबी के समक्ष प्रस्तुत करना होता है.

4 लेखा पुस्तकों और उस पर आधारित रिकॉर्ड व अन्य दस्तावेजों को तैयार करना 

प्रत्येक मर्चेंट बैंकर के लिए यह आवश्यक होता है कि वह कम से कम 5 वर्षों के लेखांकन पुस्तकों के रिकॉर्ड व उसे संबंधित अन्य दस्तावेजों को तैयार रखें जिसकी जानकारी सेबी को होनी चाहिए.

5 ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार कदम उठाना 

मर्चेंट बैंकर द्वारा ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर दो महीने के अंदर ऐसा कदम उठाना चाहिए जिनसे कमियों या दोषों को दूर किया जा सके.

6 अंडरराइटिंग से संबंधित उत्तरदायित्व 

मर्चेंट बैंकर जिस निर्गमन का प्रबंध करता है उसका वह प्रमाण पत्र सेबी  द्वारा प्राप्त करता है. अभिगोपन से संबंधित धारणा के अंतर्गत वह कुल अभिगोपन जिसका उत्तरदायित्व उसके पास है या ₹2500000 में से जो भी कम हो उस राशि का 5% न्यूनतम अभिगोपन की राशि के रूप में स्वयं स्वीकार करता है. 

7 अन्य शेयरों के अधिग्रहण की मनाही 

कोई भी मर्चेंट बैंकर या उसका निदेशक पार्टनर या मुख्य अधिकारी अपने क्लाइंट के साथ उसकी प्रतिभूतियों में किसी प्रकार के सौदे में दाखिल नहीं होगा.

8 बोर्ड को जानकारी देना 

मर्चेंट बैंकर द्वारा किसी व्यापार में प्रविष्ट होने की जानकारी सेबी को 15 दिनों के अंदर दी जाती है उसके द्वारा प्रतिभूतियों के अधिग्रहण का विवरण भी सेबी के समक्ष प्रस्तुत किया जाना चाहिए.

9 अनुरोधक अधिकारी की नियुक्ति

 प्रत्येक मर्चेंट बैंकर का यह दायित्व होगा कि वह अपने यहां एक अनुरोध अधिकारी की नियुक्ति करें जो नियम कानून अधिग्रहण निर्देश आदेश जो सेबी द्वारा दिए जाते हैं उसकी पूर्ति के लिए उत्तरदाई होगा.

10 सेबी को निरीक्षण का अधिकार 

सेबी द्वारा विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति हेतु यदि किसी मर्चेंट बैंक का निरीक्षण करना हो तो वह एक या दो व्यक्तियों को निरीक्षण अधिकारी के रूप में नियुक्त कर सकता है ताकि मर्चेंट बैंकरों के लेखा पुस्तकों के रिकॉर्ड और दस्तावेजों से संबंधित पुस्तकों की जांच की जा सके.

11 अंकेक्षक की नियुक्ति 

निरीक्षण और जांच पड़ताल के लिए सेबी द्वारा योग्य अंकेक्षक को नियुक्त किया जा सकता है 

12 मर्चेंट बैंकर द्वारा कर्तव्य पालन नहीं करने की स्थिति में सेबी  उस पर कार्यवाही कर सकता है.



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