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Showing posts from January, 2022

औद्योगिक इकाइयों का स्थानीयकरण

औद्योगिक इकाइयों के स्थानीयकरण का अर्थ  एक उद्यम के स्थानीयकरण से आशय औद्योगिक इकाइयों के किसी विशेष स्थान अथवा क्षेत्र की ओर आकर्षित एवं केंद्रित होने से है। यह वह स्थान या क्षेत्र है जहां पर औद्योगिक उत्पादन के विभिन्न साधन सुलभता से उपलब्ध होते हैं। उदाहरण के लिए भारत का सूती वस्त्र उद्योग मुंबई और अहमदाबाद में ही केंद्रित है क्योंकि वहां पर अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा सूती वस्त्र उत्पादन के विभिन्न साधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं। एक उद्यम के स्थानीयकरण की परिभाषा प्रोफ़ेसर डी एच रॉबर्टसन के अनुसार "विशेष क्षेत्र के उद्योगों के आकर्षित होने केंद्रित होने तथा पनपने की प्रवृत्ति को ही एक उद्यम का स्थानीयकरण करते हैं ।"  डॉक्टर पीएस लोकनाथन के अनुसार  "एक उद्यम के स्थानीयकरण से अभिप्राय विभिन्न क्षेत्रों में उद्योगों के केंद्रीय करण से है जो अंतरराष्ट्रीय पहलू से क्षेत्रीय श्रम विभाजन का लाता है।"  प्रोफेसर सुबीन के अनुसार " आदर्श उद्यम का स्थानीयकरण वही है जो वस्तु या सेवा के उत्पादन एवं वितरण की न्यूनतम प्रतीक आई लागत को संभव बनाता है"  एस्प्रिनगरल...

Approaches of selling process

  विक्रय प्रक्रिया के अंतर्गत विक्रय कर्ता द्वारा अपने ग्राहकों के लिए विभिन्न प्रकार के विक्रय दृष्टिकोण को अपनाना पड़ता है क्योंकि ग्राहकों की मनोंृतया ,स्वभाव, आय, रहन सहन सभी चीजों को विक्रय कर्ता  द्वारा ध्यान में रखना आवश्यक होता है। इनको देखते हुए हम पांच प्रकार के विक्रय दृष्टिकोण को अपना सकते हैं । 1 मित्र दृष्टिकोण  इस दृष्टिकोण के अंतर्गत संगठनात्मक संरचना में विपणन गतिविधियो में सहायता करने के लिए कम से कम 2 लोगों को एक साथ रखा जाता है जिनमें मैत्रीपूर्ण संबंध होते हैं और यह विपणन के काम को आसान बना देते हैं।  इसमें यह धारणा भी शामिल होती है कि कोई भी व्यक्ति अपने करीबी दोस्त के साथ ही व्यापारिक संबंध बनाना चाहता है जिसके बारे में वह व्यक्तिगत रूप से जानता है । संबंधों में किसी प्रकार का दिखावा हो तो यह विपणन कार्य में बाधक होता है । एक और चीज स्पष्ट करना अनिवार्य है कि विपणन कर्ता यदि व्यक्तिगत रूप से ग्राहकों के साथ संपर्क करता है तो उसमें मैत्रीपूर्ण आत्मीयता की भावना का होना अनिवार्य है । 2 समाधान दृष्टिकोण  इसके अंतर्गत विक्रय करता को ध्यान से ग...

selling process विक्रय प्रक्रिया

प्राय: वस्तुओं को बेचने के लिए विक्रय कर्ताओं द्वारा एक ही रास्ता अपनाया जाता है जैसे भावी ग्राहकों का पता लगाना, उनके बारे में जानकारी प्राप्त करना, उनसे संपर्क करना और वस्तुओं को उनके समक्ष प्रस्तुत करना ,वस्तुओं की अच्छाइयों को बताना, ग्राहकों को यदि आपत्ति हो जाती है तो उसका समाधान करना और विक्रय करना। ये अवस्थाएं एक-दूसरे से जुड़ी हुई होती है इनको अलग-अलग पहचानना कठिन होता है।  संक्षेप में यदि हम कहें तो विक्रय प्रक्रिया की निम्न अवस्थाएं होती हैं  1 पूर्वेक्षण  करना  2 पूर्व पहुंच  3 पहुंच एवं प्रस्तुतीकरण  4अभिनय  5 ट्रायल समाप्ति 6 आपत्तियों का निवारण  7 समाप्ति या समापन और  8 अनुगमन 1 पूर्वेक्षण करना विक्रय प्रक्रिया की यह सबसे पहली अवस्था है । इसमें विक्रय करता है यह पता लगाता है कि उस वस्तु की आवश्यकता  किन व्यक्तियों और संस्थाओं को है।वो वस्तु को खरीदने में समर्थ हैं या नहीं। इसका कारण यह है कि बिना आवश्यकता वाले या असमर्थ व्यक्तियों की ओर अधिक प्रयास करने में बिक्री में वृद्धि नहीं होती है विक्रय कर्ता का समय और परिश्रम व्यर...

विपणन से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न

1 विपणन की अवधारणा है  a उत्पादनमुखी  b विक्रयुनमुखी c ग्रहकोंमुखी  d विक्रेतामुखी Ans c विपणन अवधारणा ग्राहक मुखी है 2 विपणन जीवन स्तर प्रदान करता है यह परिभाषा दी गई है   a हेसन b पआॅलमजुर c विलियम जे स्टांटन  d कोटलर Ans c Paul Mazor ने अपनी परिभाषा में कहा है कि विपणन जीवन स्तर प्रदान करता है।यह व्यक्ति के जीवन स्तर में सुधार लाता है जो पहले की स्थिति से और बेहतर वस्तु या सेवा के उपयोग से संभव है। 3 फर्म अधिक निराशाजनक स्थिति में बाजार में अपना हिस्सा बेचने के लिए साधनों तथा तरीकों को अपनाती है  a उत्पाद जीवन चक्र का विकास स्तर b उत्पाद जीवन चक्र का घटता स्तर c परिपक्वता का स्तर d सभी Ans b परिपक्वता बिंदु के बाद फार्म उत्पाद की मांग में बढ़ोतरी नहीं होती है और बाजार हिस्सेदारी कम होने लगती है। 4 विपणन एक प्रक्रिया है जो उत्पादन के....... प्रारंभ होती है a पूर्ण b तत्काल पश्चात c साथ साथ d बाद में Ans a विपणन एक प्रक्रिया है जो वस्तु के उत्पादन से पहले ही प्रारंभ होता है बाजार मांग के पहले ही इसकी शुरूआत होती है। 5 निरक्षर उपभोक्ता के लिए कौन सा माध्यम...

salesmanship (विक्रय कौशल/ विक्रय कला)

परिचय   सामान्यतः विक्रय कौशल और व्यक्तिगत विक्रय दोनों को एक ही समझा जाता है लेकिन इसमें अंतर है. व्यक्तिगत विक्रय एक व्यापक अवधारणा है जिसमें विक्रय कौशल शामिल होता है . व्यक्तिगत विक्रय में वस्तु का मूल्य निर्धारण, विज्ञापन, वस्तु विकास और अनुसंधान, वितरण चैनल और भौतिक वितरण जैसे तत्व सम्मिलित होते हैं.  विक्रय कला व्यक्तिगत विक्रय के अंतर्गत उपयोग की जानेवाली एक गतिविधी है. इसकी परिभाषा विभिन्न विद्वानों ने इस प्रकार दी है  नॉक्स के अनुसार , *विक्रय कला लोगों को क्रय करने के लिए प्रभावित करने की शक्ति है.  *यह लोगों को समझाने की क्षमता है कि उन्हें पहले से ही इस वस्तु की आवश्यकता है.   प्रोफेसर स्टीफेंसन के अनुसार  *विक्रय कला संभावित खरीदार को कुछ प्रयोग करने के लिए प्रेरित करने का सचेत प्रयास है. * विक्रय के लिए जो वस्तु या सेवा है उसे खरीदने के लिए राजी करना भी विक्रय कला के अंतर्गत शामिल है.  हॉट क्लॉक के अनुसार  विक्रय कला लोगों को आनंद पूर्वक और स्थाई रूप से उत्पाद को खरीदने के लिए राजी करने से संबंधित है ताकि लाभ प्राप्त किया जा सके....