पिछले ब्लॉग में हमने सेल्समैनशिप और सेलिंग प्रोसेस के बारे में जानना. इस ब्लॉग में हम पर्सनल सेलिंग यानी व्यक्तिगत विक्रय के बारे में जानेंगे.
पर्सनल सेलिंग होता क्या है
सामान्य अर्थ में पर्सनल सेलिंग से तात्पर्य व्यक्तिगत विक्रय से होता है. विभिन्न विद्वानों ने पर्सनल सेलिंग की परिभाषा इस प्रकार दी है
अमेरिकन मार्केटिंग एसोसिएशन के अनुसार," पर्सनल सेलिंग वार्तालाप के माध्यम से विक्रय के उद्देश्य से क्रेता के समक्ष वस्तुओं और सेवाओं का एक मौखिक प्रस्तुतीकरण है. यह क्रेताओं की सहमति प्राप्त करने की योग्यता है जिससे एकओर क्रेता वस्तुओं और सेवाओं का लाभ ले सके तो दूसरी ओर विक्रेता को भी इसका फायदा हो.
Stanton के अनुसार ,"पर्सनल सेलिंग में व्यक्तिगत संचार द्वारा विक्रय को शामिल किया जाता है जो विज्ञापन के व्यक्तिगत संचार के तरीके, विक्रय संवर्धन और अन्य संचार उपकरणों के विपरीत होता है.
निष्कर्ष
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि पर्सनल सेलिंग यानी व्यक्तिगत विक्रय के अंतर्गत विक्रयकर्ता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से ग्राहकों से संपर्क कर अपनी वस्तुओं को ग्राहकों या क्रेता की सहमति लेकर उसे बेचने का प्रयास किया जाता है या उसे प्रेरित किया जाता है .
उपरोक्त परिभाषाओंं से पर्सनल सेलिंग की निम्न विशेषताएं प्रकट होती है
१ पर्सनल सेलिंग के अंतर्गत मौखिक संचार होता है.
२ पर्सनल सेलिंग विक्रय का एक तरीका है पर्सनल सेलिंग में क्रेता और विक्रेता आमने सामने होते हैं .
3 इसके अंतर्गत वस्तुओं या सेवाओं का विक्रय किया जाता है .
4 इसमें विक्रेता द्वारा रीता को वस्तुओं को पूरा करने के लिए उत्प्रेरित किया जाता है .
5 इसमें वस्तुओं को क्रेता के समक्ष प्रस्तुत कर उसके प्रयोग का तरीका बताया जाता है .
6 इसमें वस्तुओं के प्रत्यक्ष प्रदर्शन से ग्राहक वस्तुओं के प्रयोग से परिचित हो जाते हैं
7 विक्रेताओं की जिज्ञासा या शंका का समाधान प्रत्यक्ष रूप से विकृत करता द्वारा किया जाता है .
8 यह द्वीमार्गी संप्रेषण होता है.
9 इसमें क्रेता और विक्रेता का संबंध मजबूत होता है.
पर्सनल सेलिंग के उद्देश्य
1 भावी ग्राहकों को आकर्षित करना .
2 ग्राहकों को वस्तुओं और सेवाओं के प्रति प्रत्यक्ष रूप से जागरूक करना .
3 क्रेताओं से प्रत्यक्ष रूप से मिलकर उनमें वस्तुओं के क्रय केलिए इच्छा उत्पन्न करना .
4 ग्राहकों का विश्वास जीतकर अन्ततःवस्तुएं उन्हें विक्रय करना.
पर्सनल सेलिंग के स्वभाव या कार्य
1विक्रय करना- इसके अंतर्गत नए ग्राहकों से संपर्क स्थापित कर नए आदेश प्राप्त करना और पुराने ग्राहकों से पुनः आदेश प्राप्त करना शामिल होता है.
2व्यक्तिगत विक्रय द्वारा ग्राहकों की सेवाएं करना जिसमें वस्तुओं का प्रत्यक्ष प्रदर्शन और ग्राहकों को उचित सलाह शामिल होता है.
3 क्रेता के रिकॉर्ड रखना और इसे विक्रय कार्यालय में भेजना.
4 विक्रय कर्ता को प्रशिक्षण देना .
5 बाजार स्थिति का अध्ययन कर प्रबंध को सुझाव देना
6 वस्तु के प्रति क्रेताओं में रुचि उत्पन्न करना और वस्तुओं के प्रयोग में आने वाली कठिनाइयों के बारे में प्रबंध को जानकारी देना.
7 अपनी और संस्था की ख्याति में ग्राहकों को बेहतर सेवाएं देकर वृद्धि करना.
पर्सनल सेलिंग के प्रकार
पर्सनल सेलिंग के विभिन्न प्रकार हैं
1 आदेश प्राप्त करने वाले विक्रयकर्ता order getting salesman
यह विक्रयकर्ता नए ग्राहकों को नई सेवा, नए विचार और नई वस्तुओं के लिए पूछते हैं और उनसे संपर्क कर आदेश प्राप्त करते हैं.यह सृजनशील विक्रय कर्ता कहलाते हैं क्योंकि यह मांग का सृजन करते हैं.
आदेश प्राप्त करने वाले विक्रय कर्ता की तीन श्रेणियां हैं
A निर्माता द्वारा आदेश प्राप्त करने वाले विक्रय कर्ता औद्योगिक वस्तुओं और कच्चे माल से संबंधित होते हैं.
B थोक विक्रेता के लिए आदेश प्राप्त करने वाले विक्रय कर्ता - इसमें थोक विक्रेता ऐसे विक्रयकर्ता को नियुक्त करते हैं जो फुटकर विक्रेता से संपर्क कर आदेश प्राप्त करते हैं.
C फुटकर विक्रेताओं के लिए आदेश प्राप्त करने वाले विक्रयकर्ता-
यह विक्रेता फुटकर विक्रेताओं के लिए आदेश प्राप्त करते हैं.
2आदेश लेने वाले विक्रयकर्ता order tracking salesman
व्यक्तिगत विक्रय का अधिकतर भाग इन्हीं के द्वारा किया जाता है.इसमें किसी वस्तु की मांग विज्ञापन विक्रय संवर्धन या अन्य किसी प्रकार से होने वाले उस वस्तु का आदेश इन्हीं विक्रेताओं द्वारा दिया जाता है.
ये तीन प्रकार के होते हैं
*निर्माता के
*थोक व्यापारी के
*और फुटकर विक्रेता के विक्रय कर्ता.
3 सहारा देने वाले विक्रय कर्ता
यह विक्रयकर्ता निर्माता के लिए कार्य करते हैं और उनकी वस्तुओं के विक्रय में सहारा देते हैं. यह वस्तुओं के तकनीकी को और उसकी विशेषता को ग्राहकों को बताते हैं और वितरण में मदद करते हैं.
यह दो तरह के होते हैं
A ऐसे विक्रयकर्ता जो संस्था के लिए मांग उत्पन्न करते हैं संस्था के ख्याति में वृद्धि करते हैं और थोक विक्रेताओं को प्रशिक्षण देते हैं. इन्हें मशीनरी विक्रय कर्ता भी कहा जाता है.
B तकनीकी जानकारी रखने वाले विक्रय कर्ता
यह प्राय: इंजीनियर या वैज्ञानिक होते हैं . इसमें ग्राहक द्वारा आदेश प्राप्त कर विक्रयकर्ता अपनी संस्था को क्रेता की कठिनाइयों को बताता है. संस्था द्वारा तकनीकी विशेषता वहां प्रदान की जाती है और उनकी कठिनाइयों और संदेह को दूर किया जाता है.
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