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Showing posts from August, 2021

गबन क्या है

https://youtu.be/HN0GWvv0-Nk ऐसी अशुद्धियां जो जानबूझकर एक नियोजित तरीके से संस्था के स्वामी को धोखा देने या हानि पहुंचाने के उद्देश्य से लेखों में की जाती हैं गबन कहलाता है. इसे दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है  1 स्वामी के सहमति से किया जाने वाला गबन  2 बिना स्वामी के सहमति से किया जाने वाला गबन  1 स्वामी की सहमति से किया जाने वाला गबन  क इसमें वास्तविक लाभ से अधिक लाभ दिखाना,  ख वास्तविक लाभ से कम लाभ दिखाना शामिल होते हैं. क वास्तविक लाभ से अधिक लाभ दिखाना  इसके पीछे स्वामी के निम्न उद्देश्य होते हैं  अंशो के बाजार मूल्य में वृद्धि करना, संस्था के कार्य कुशलता को बढ़ाना ,ख्याति में वृद्धि करनाऔर काले धन को सफेद धन में बदलना ख वास्तविक लाभ से कम लाभ दिखाना  इसका उद्देश्य होता है . अंशो का बाजार मूल्य कम करना और संस्था के ही अधिकारी द्वारा ज्यादा अंशों को खरीद लेना. गुप्त संचयो को बढ़ाना ,करो में सरकार द्वारा रियायत प्राप्त करना और सरकार द्वारा दिए जाने वाले आर्थिक सहायता को प्राप्त करना. लेखांकन में गड़बड़ी करने के तरीके संस्था की संपत्तिय...

अशुद्धियां एवं अशुद्धियों के प्रकार

अंकेक्षण करने का मुख्य उद्देश्य होता है  अशुद्धियों एवं गबन का पता लगाना और संस्था के लाभ व हानि की सही स्थिति की जानकारी प्राप्त करना साथी संस्था के संपत्ति और दायित्व की वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त करना. इसके लिए अशुद्धियों के अंकेक्षक द्वारा सावधानी से लेखा पुस्तकों के माध्यम से जांच की जाती है . अशुद्धियों के प्रकार  *सैद्धांतिक अशुद्धियां   *लिपिकीयअशुद्धियां  *हिसाब संबंधित अशुद्धियां  *क्षतिपूर्ति औषधियां *सैद्धांतिक अशुद्धियां इनअशुद्धियों में लेखांकन के सिद्धांत से संबंधित अशुद्धियां आती हैं. जैसे पूंजीगत व्यय को अयगत व्यय मान लेना . फर्नीचर क्रय के लिए किया गया पूंजीगत व्यय होता है .इसको आयगत में लेखा करना।  Purchase a/c.                Dr             To cash.   a/c  कर दिया गया इन अशुद्धियों को ट्रायल बैलेंस के माध्यसे नहीं पता लगाया जा सकता है. *लिपिकीय अशुद्धियां लिपिकीय अशुद्धियों के अंतर्गत जोड़- घटाव से संबंधित अशुद्धियां, राशियों को लिखने से संबंधित...

लेखांकन आवश्यक है जबकि अंकेक्षण विलासिता

लेखांकन आवश्यक है इसके पीछे निम्न तथ्य हैं  1 व्यवसाय के लेनदेन ओं की संख्या असीमित होती है जिसे याद नहीं रखा जा सकता है. इन्हें स्मरण रखने के लिए लेखा पुस्तकों की आवश्यकता होती है.  2 निश्चित समय अंतराल पर व्यवसाय के लाभ और उसकी आर्थिक स्थिति को जानने के लिए भी लेखांकन की आवश्यकता होती है. 3 चालू वर्ष के परिणामों को गत वर्ष के परिणामों से तुलनात्मक अध्ययन करने के लिए लेखांकन की आवश्यकता होती है.  4 व्यवसाय के लिए किसी निश्चित परियोजना पर काम करना हो या फिर व्यवसाय को स्थापित करना हो तो लेखांकन की आवश्यकता होती है.  5 न्यायालय में प्रमाणों को के रूप में पेश करने के लिए भी लेखांकन आवश्यक होता है. 6 व्यवसाय का यदि विघटन हो तो ऐसी स्थिति में भी लेखांकन आवश्यक होता है. 7 व्यवसाय के दिवालिया होने की स्थिति में भी लेखांकन की आवश्यकता होती है. 8 आयकर निर्धारण में लेखांकन आवश्यक होता है. 9 सरकार द्वारा करों के संग्रह में भी लेखांकन की आवश्यकता होती है.  10 व्यवसाय के लाइसेंस को प्राप्त करने में भी लेखांकन आवश्यक होता है.  11 उत्पाद की लागत को निर्धारित करने में लेख...

अंकेक्षण और अनुसंधान में अंतर

सामान्य तौर पर अंकेक्षण और अनुसंधान को एक ही समझा जाता है जबकि दोनों में अंतर है .  पुस्तकों की सामान्य जांच अंकेक्षण के अंतर्गत आती है जिसके द्वारा यह पता लगाया जाता है की पुस्तकें सही तरीके से रखी गई हैं या नहीं लाभ हानि खाता व्यवसाय के सही लाभ को प्रदर्शित करता है या नहीं और बैलेंस शीट संस्था के सही वित्तीय स्थिति को प्रदर्शित करती है या नहीं अनुसंधान यह व्यवस्था एक पुस्तकों की गहन जांच होती है जो किसी निश्चित उद्देश्य से की जाती है. अनुसंधान का कार्य कुछ वर्षों से संबंधित हो सकता है और व्यवसाय के द्वारा केवल उन्हीं खातों की जांच कराई जाती है जिससे विशेष उद्देश्य की पूर्ति हो सके . अंकेक्षण और अनुसंधान में अंतर 1 अंकेक्षण लेखा पुस्तकों की सामान्य जांच है जबकि अनुसंधान लेखा पुस्तकों की गहन जांच है. 2 अंकेक्षण का कार्य सामान्यतः वार्षिक होता है जबकि अनुसंधान का कार्य 1 वर्ष से ज्यादा का हो सकता है. 3 अंकेक्षण का कार्य व्यापक होता है क्योंकि यह व्यवसाय की समस्त पुस्तकों से संबंधित जांच से जुड़ा होता है जबकि अनुसंधान का कार्य एक निश्चित उद्देश्य की पूर्ति से ...